आगरा में जोधपुर झाल बनेगा वेटलैंड: पक्षी विहार की तरह होगा विकसित, मुख्यमंत्री योगी ने दी प्रस्ताव को मंजूरी – Lok Shakti
November 1, 2024

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आगरा में जोधपुर झाल बनेगा वेटलैंड: पक्षी विहार की तरह होगा विकसित, मुख्यमंत्री योगी ने दी प्रस्ताव को मंजूरी

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आगरा-मथुरा की सीमा पर 64 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले जोधपुर झाल को वेटलैंड (आर्द्रभूमि) के रूप में विकसित किया जाएगा। यह निर्णय मथुरा में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की बैठक में लिया गया। जोधपुर झाल को वेटलैंड के रूप में विकसित करने के बाद इसे पक्षी विहार के रूप में तैयार किया जाएगा। 

बैठक में ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पर्यावरण सलाहकार मुकेश शर्मा ने जोधपुर झाल की कार्य योजना को प्रस्तुत किया। इसके तहत कोह ग्राम पंचायत में स्थित जोधपुर झाल को प्रवासी पक्षियों के अनुकूल वेटलैंड के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां वाटर मैनेजमेंट का मॉडल तैयार कर भूजल का उपयोग किया जाएगा। आगरा नहर के प्रदूषित पानी का इस वेटलैंड में उपयोग नहीं किया जाएगा। पक्षियों के प्रजनन को बढ़ाने और सुरक्षित करने के लिए घना जंगल तैयार किया जाएगा। झाल के चारों ओर प्राकृतिक बाड़बंदी की जाएगी। 

184 पक्षियों की प्रजातियां हो चुकीं रिकॉर्ड

सोसायटी अध्यक्ष डॉ. केपी सिंह ने बताया कि जोधपुर झाल पर 184 पक्षियों की प्रजातियां रिकॉर्ड हो चुकी हैं। इनमें 139 आवासीय व 45 प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हैं। सिंचाई विभाग के स्वामित्व वाले जोधपुर झाल में स्थलीय व जलीय पक्षियों की लगभग 50 से अधिक प्रजातियां प्रजनन करती हैं। यहां इस वेटलैंड (आर्द्रभूमि) पर प्राकृतिक वनस्पतियों की 70 से अधिक प्रजातियों को दर्ज किया गया है।

प्रवासी पक्षियों के आने की ये है वजह
कम गहराई के जल निकाय, दलदली जमीन, घास, उथला पानी, लवणीय मिट्टी में बारिश के पानी का संचय, कई तरह की घास, जिसमें  प्रवासी पक्षियों के लिए भरपूर भोजन मिलता है। जोधपुर झाल वेटलैंड वेडर और शोरबर्ड पक्षी वर्ग की प्रजातियों का आदर्श स्थल है। इससे सटे धान के खेतों में पक्षियों को भोजन मिलता है। अक्तूबर से फरवरी तक यहां पक्षियों का प्रवास रहता है। संकटग्रस्त पक्षियों के 15 प्रजाति यहां नजर आए। 

प्रमुख प्रवासी पक्षियों में यहां ग्रेटर फ्लेमिंगो, ग्रीन-विंग्ड टेल, नॉर्दर्न शॉवलर, ब्लैक-टेल्ड गॉडविट, ब्लूथ्रोट, ग्रीन सैंडपाइपर, वुड सैंडपाइपर, कॉमन रेडशैंक, पेंटेड स्टॉर्क, यूरेशियन स्पूनबिल, यूरेशियन मार्श-हैरियर, रोज़ी स्टार्लिंग, ग्रे वैगटेल, व्हाइट वैगटेल, व्हाइट-ब्रोड वैगटेल आदि हैं।

विस्तार

आगरा-मथुरा की सीमा पर 64 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले जोधपुर झाल को वेटलैंड (आर्द्रभूमि) के रूप में विकसित किया जाएगा। यह निर्णय मथुरा में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की बैठक में लिया गया। जोधपुर झाल को वेटलैंड के रूप में विकसित करने के बाद इसे पक्षी विहार के रूप में तैयार किया जाएगा। 

बैठक में ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पर्यावरण सलाहकार मुकेश शर्मा ने जोधपुर झाल की कार्य योजना को प्रस्तुत किया। इसके तहत कोह ग्राम पंचायत में स्थित जोधपुर झाल को प्रवासी पक्षियों के अनुकूल वेटलैंड के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां वाटर मैनेजमेंट का मॉडल तैयार कर भूजल का उपयोग किया जाएगा। आगरा नहर के प्रदूषित पानी का इस वेटलैंड में उपयोग नहीं किया जाएगा। पक्षियों के प्रजनन को बढ़ाने और सुरक्षित करने के लिए घना जंगल तैयार किया जाएगा। झाल के चारों ओर प्राकृतिक बाड़बंदी की जाएगी। 

184 पक्षियों की प्रजातियां हो चुकीं रिकॉर्ड

सोसायटी अध्यक्ष डॉ. केपी सिंह ने बताया कि जोधपुर झाल पर 184 पक्षियों की प्रजातियां रिकॉर्ड हो चुकी हैं। इनमें 139 आवासीय व 45 प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हैं। सिंचाई विभाग के स्वामित्व वाले जोधपुर झाल में स्थलीय व जलीय पक्षियों की लगभग 50 से अधिक प्रजातियां प्रजनन करती हैं। यहां इस वेटलैंड (आर्द्रभूमि) पर प्राकृतिक वनस्पतियों की 70 से अधिक प्रजातियों को दर्ज किया गया है।