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खनन लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिल

Ranchi/New Delhi:  पत्थर खनन लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) में पक्ष रखने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 14 जुलाई की तिथि निर्धारित की है. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई से दुमका विधायक बसंत सोरेन को पक्ष रखने के लिए 15 जुलाई की तिथि निर्धारित की है.

इससे पहले मंगलवार को निर्वाचन आयोग में सुनवाई हुई. भाजपा के लिए वरीय अधिवक्ता मनिंदर सिंह और सिद्धार्थ दवे ने आयोग के समक्ष पक्ष रखा, वहीं वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा और मेन्द्री दत्ता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से आयोग के समक्ष पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान CM के अधिवक्ता ने एक बार फिर सुनवाई के लिए समय देने का आग्रह किया. जिसपर आयोग ने पहले तो नाराजगी जाहिर की. बाद में 14 जुलाई की तिथि मुकर्रर की है.

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इससे पहले 31 मई और 14 जून को मामले की सुनवाई होनी थी. लेकिन कुछ कारणों से यह सुनवाई पूरी नहीं हो पायी थी. 14 जून के सुनवाई में राज्यसभा चुनाव में व्यस्तता और अपने वकील की तबीयत खराब होने का हवाला देकर मुख्यमंत्री ने निर्वाचन आयोग से अतिरिक्त समय की गुहार लगाई थी. जिसपर निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया था कि मामले की सुनवाई 28 जून की जाये. इस पर आज सुनवाई हुई थी.

बता दें कि प्रदेश बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल रमेश बैस को एक ज्ञापन सौंप कर आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन ने सीएम के पद का दुरुपयोग किया है. पद का दुरुपयोग करते हुए सीएम ने अपने नाम के रांची के अनगड़ा में पत्थर खनन लीज लिया. यह मामला लोक प्रतिनिधित्व कानून के उल्लंघन के तहत आता है. ऐसे में जरूरी है कि हेमंत सोरेन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाये. बीजेपी नेताओं के सौंपे ज्ञापन को आधार बनाकर राज्यपाल रमेश बैस ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से राय मांगा था. इसी राय के तहत केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस देकर उनका पक्ष पूछा है.

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बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री के अलावा उनके छोटे भाई सह दुमका विधायक बसंत सोरेन के खिलाफ भी अवैध तरीके से खनन कंपनी चलाने का आरोप लगाया था. आरोप की शिकायत राज्यपाल से की गयी थी. इस मामले में भी राज्यपाल ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से सुझाव मांगा, जिसपर बुधवार यानी कल सुनवाई होनी थी.

 

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