पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय प्राध्यापकों की नियुक्ति न करके हजारों विद्यार्थियों की अनदेखी कर रहा है। वित्त विभाग ने विवि में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक के 78 पदों को भरने की अनुमति दो साल पहले ही दे दी है, लेकिन विवि ने मोटी फीस लेकर अभ्यर्थियों से आवेदन मंगाने के बाद भर्ती प्रक्रिया रोक रखी है।
पूर्व कुलपति डॉ. शिवकुमार पाण्डेय ने अपनी मर्जी वाले विभागों में 41 पदों को भर लिया । बचे 37 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी। अभ्यर्थियों ने नियुक्ति प्रक्रिया रुकने पर जानकारी मांगी तो विवि ने दोबारा वित्त विभाग से पूछा कि भर्ती की अनुमति है कि नहीं?
छह सितम्बर 2017 को दोबारा मार्गदर्शन के लिए भेजे गये पत्र के जवाब में वित्त विभाग ने दोबारा चार जनवरी 2018 को पत्र देकर अनुमति होने की पुष्टि की। इसके बाद भी नियुक्ति अधर में लटकी हुई है।
नए कुलपति डॉ. केशरीलाल वर्मा अब कह रहे हैं कि नियुक्ति में क्या किया जा सकता है, फाइलें देखेंगे। जुलाई से नया शिक्षण सत्र शुरू हो रहा है ऐसे में एक बार फिर विवि के विद्यार्थियों को प्राध्यापकों की कमी झेलनी पड़ेगी।
इन नए कोर्सेस के लिए कैसे मिलेंगे पद
विवि की पुरानी अध्ययनशालाओं के पद नहीं भरने की वजह से राज्य सरकार नए विषयों के लिए अनुमति भी नहीं दे रही है। रविवि में सालों से एमएससी बायोस्टेटिक्स, डिप्लोमा इन क्रोनोबायोलॉजी, एमएस प्रोग्राम रिसर्च, एमए संस्कृत, एमए राजनीति विज्ञान, एमए नृत्य, संगीत, फाइन आर्ट, बीकॉम एलएलबी आदि कोर्स खोलने का प्रस्ताव अधर में है।
इन पदों के लिए जारी किया था विज्ञापन रविवि ने साल 2015 में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर के खाली पद समेत अन्य गैर शिक्षकीय पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। सैकड़ों अभ्यर्थियों से एक हजार रुपए की फीस लेकर आवेदन लिया गया था।
Nationalism Always Empower People
More Stories
CG MORNING NEWS : सीएम विष्णुदेव साय झारखंड में करेंगे तूफानी प्रचार, मंत्री को दी जाएगी गुड गवर्नेंस की ट्रेनिंग, सीपीएल के खिलाड़ियों का कैंप आज से, लू को लेकर इन जवानों में येलो ऑफिस जारी…
CG News: नशे में धुत ड्राइवर पर अब गैर इरादतन हत्या का केस… धारा 304ए नहीं हुई लागू
राजस्थान में ना हो राजकोट जैसी घटना, सरकार हुई अलर्ट