Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Mathura: जेल में बंद युवक को बाइक की चोरी में फंसाया, 33 दोषी पुलिसवालों पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई

Default Featured Image

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

जेल में बंद एक आरोपी को बाइक चोरी में फंसा देने वाले 33 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होने से परिजन नाराज हैं। पीड़ित की मां ने मंगलवार को मथुरा के एसएसपी अभिषेक यादव को प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। एससी-एसटी आयोग ने जांच में पुलिस के खुलासे को फर्जी माना था। 

मामला वर्ष 2018 का है। 11 जनवरी की रात को थाना गोविंद नगर पुलिस ने बाइक चोरी का खुलासा किया था। कृष्णा विहार कॉलोनी, रिफाइनरी निवासी चेतन और विर्जापर थाना हाईवे निवासी पुनीत कुमार को असलहा व चोरी की बाइक के साथ गिरफ्तार करना दर्शाया। खुलासा किया कि जो बाइक बरामद हुई है, उसे चेतन ने 15 अक्तूबर 2017 की शाम को पुनीत कुमार के साथ जिला चिकित्सालय से चुराया था। इसका मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज है। चेतन को बाइक चोरी में लिप्त दिखाना ही पुलिस के गले की फांस बन गया।

जिस दिन चेतन को बाइक चोरी करना दिखाया गया, उस दिन वह जिला कारागार में बंद था। पुलिस की कहानी के झोल में केवल चेतन ही नहीं, बल्कि अनुसूचित जाति का युवक पुनीत भी निर्दोष था। पुनीत के भाई सुमित ने इसकी शिकायत 2019 में एससी-एसटी आयोग लखनऊ से की। 

33 पुलिसकर्मी पाए गए दोषी 

आयोग ने इसकी जांच पहले अपर पुलिस महानिदेशक आगरा के माध्यम से मथुरा और आगरा पुलिस से कराई। आयोग इस जांच से संतुष्ट नहीं हुआ तो मुख्यालय पुलिस महानिदेशक ने विशेष जांच कराई। यह जांच रिपोर्ट 27 जनवरी 2022 को सहायक निदेशक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग लखनऊ व डीजीपी लखनऊ को भेजी गई। इसमें 33 पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए कार्रवाई के लिए कहा गया।

पुलिस ने लगाया पॉक्सो एक्ट 

सुमित ने बताया कि जब दोषी पुलिसकर्मियों को अपने खिलाफ होने वाली दंडात्मक कार्रवाई की जानकारी हुई तो वह समझौते का दबाव बनाने लगे। समझौते से इनकार करने पर उसे, उसके भाई दीपेंद्र कुमार, मां माया देवी को पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म के मामले में फंसा दिया।

ये दोषी पाए गए

अपर पुलिस अधीक्षक राजेश सोनकर, सीओ आलोक दुबे, सीओ प्रीति सिंह, सीओ विजय शंकर मिश्रा, निरीक्षक शिव प्रताप सिंह, रामपाल सिंह, निरीक्षक हरवीर मिश्रा, अवधेश त्रिपाठी, नितिन कसाना, उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार, अनिल कुमार, राजवीर सिंह, धर्मवीर कर्दम, रामफूल शर्मा, सुल्तान सिंह, प्रदीप कुमार, विपिन भाटी, हेड कांस्टेबल नरेंद्र कुमार, प्रमोद कुमार, कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार, विशाल गौतम, अवनीश कुमार, अभिजीत कुमार, रोहित जनमेदा, लोकेश कुमार भाटी, वसीम अकरम, नितित कुमार, आर्यन दुबे, हरवीर सिंह, गौतम प्रताप सिंह, तत्कालीन सुदेश कुमार व दो अन्य शामिल हैं।

विस्तार

जेल में बंद एक आरोपी को बाइक चोरी में फंसा देने वाले 33 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होने से परिजन नाराज हैं। पीड़ित की मां ने मंगलवार को मथुरा के एसएसपी अभिषेक यादव को प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। एससी-एसटी आयोग ने जांच में पुलिस के खुलासे को फर्जी माना था। 

मामला वर्ष 2018 का है। 11 जनवरी की रात को थाना गोविंद नगर पुलिस ने बाइक चोरी का खुलासा किया था। कृष्णा विहार कॉलोनी, रिफाइनरी निवासी चेतन और विर्जापर थाना हाईवे निवासी पुनीत कुमार को असलहा व चोरी की बाइक के साथ गिरफ्तार करना दर्शाया। खुलासा किया कि जो बाइक बरामद हुई है, उसे चेतन ने 15 अक्तूबर 2017 की शाम को पुनीत कुमार के साथ जिला चिकित्सालय से चुराया था। इसका मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज है। चेतन को बाइक चोरी में लिप्त दिखाना ही पुलिस के गले की फांस बन गया।

जिस दिन चेतन को बाइक चोरी करना दिखाया गया, उस दिन वह जिला कारागार में बंद था। पुलिस की कहानी के झोल में केवल चेतन ही नहीं, बल्कि अनुसूचित जाति का युवक पुनीत भी निर्दोष था। पुनीत के भाई सुमित ने इसकी शिकायत 2019 में एससी-एसटी आयोग लखनऊ से की।