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Meerut: हल्के विरोध के बीच MDA ने मुक्त कराई साढ़े चार हेक्टेयर जमीन, दो घंटे दनादन गरजे चार बुलडोजर

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मेरठ में सोमवार सुबह एमडीए ने गंगानगर में हल्के विरोध के बीच साढ़े चार हेक्टेयर जमीन को कब्जा मुक्त कराया। इस जमीन पर किसानों ने धान की फसल सहित अन्य खेती कर रखी थी। एमडीए ने भारी पुलिस फोर्स के बीच चार बुलडोजर और ट्रेक्टर चलाकर जमीन को कब्ज़ा मुक्त कराया। एक तहसीलदार, एक अधिशासी अभियंता के नेतृत्व में जमीन को कब्जे में लिया।

इस अभियान को दो घण्टे से अधिक समय तक चलाया गया। इस जमीन पर क्यू आर पॉकेट के लिए विकास कार्य कराए जाने है। यहां पार्क आदि बनाये जाएंगे। एमडीए की टीम ने भूमि की पैमाइश कर निशान लगाए।
यह भी पढ़ें:  Major Dhyan Chand: हॉकी के जादूगर का मेरठ से रहा खास नाता, अब फिल्म में दिखेगी दद्दा की हॉकी, जाएगी झांसी

मेरठ में एमडीए की जमीन पर किसानों ने कब्जा कर रखा है। किसान और एमडीए के बीच प्रतिकर को लेकर विवाद है। गंगानगर, शताब्दीनगर, वेदव्यासपुरी में सैंकड़ो किसान कई बार प्रदर्शन कर चुके है।

शताब्दीनगर में साढ़े 600 एकड़ जमीन पर किसानों का कब्जा है। यहां दस वर्ष पहले प्लाट लेने वाले आवंटी अब अपना पैसा लेने को मजबूर है। इसमें दिल्ली सहित अन्य जिलों के आवंटी शामिल है। प्रशासन शताब्दीनगर को लेकर गंभीर नही है। जबकि यहां से रैपिड रेल कॉरिडोर गुज़र रहा है।

विस्तार

मेरठ में सोमवार सुबह एमडीए ने गंगानगर में हल्के विरोध के बीच साढ़े चार हेक्टेयर जमीन को कब्जा मुक्त कराया। इस जमीन पर किसानों ने धान की फसल सहित अन्य खेती कर रखी थी। एमडीए ने भारी पुलिस फोर्स के बीच चार बुलडोजर और ट्रेक्टर चलाकर जमीन को कब्ज़ा मुक्त कराया। एक तहसीलदार, एक अधिशासी अभियंता के नेतृत्व में जमीन को कब्जे में लिया।

इस अभियान को दो घण्टे से अधिक समय तक चलाया गया। इस जमीन पर क्यू आर पॉकेट के लिए विकास कार्य कराए जाने है। यहां पार्क आदि बनाये जाएंगे। एमडीए की टीम ने भूमि की पैमाइश कर निशान लगाए।

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मेरठ में एमडीए की जमीन पर किसानों ने कब्जा कर रखा है। किसान और एमडीए के बीच प्रतिकर को लेकर विवाद है। गंगानगर, शताब्दीनगर, वेदव्यासपुरी में सैंकड़ो किसान कई बार प्रदर्शन कर चुके है।

शताब्दीनगर में साढ़े 600 एकड़ जमीन पर किसानों का कब्जा है। यहां दस वर्ष पहले प्लाट लेने वाले आवंटी अब अपना पैसा लेने को मजबूर है। इसमें दिल्ली सहित अन्य जिलों के आवंटी शामिल है। प्रशासन शताब्दीनगर को लेकर गंभीर नही है। जबकि यहां से रैपिड रेल कॉरिडोर गुज़र रहा है।

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