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Editorial: मोदी को हटाने कांग्रेस के सामने चुनौती: आई एस आई-हाफिज-फतवों का सहारा

मोदी को हटाने कांग्रेस के सामने चुनौती:  आई एस आई-हाफिज-फतवों का सहारा
Tags: मोदी सरकार को हटाने, बीजेपी और कांग्रेस, आई एस आई-हाफिज-फतवा, कालेधन और भ्रष्टाचार पर हमला,   सर्जिकल स्ट्राइक और आंतकवाद, जयेन्द्र चौधरी, संबित पात्रा
Description: मोदी की ओर से कालेधन और भ्रष्टाचार पर हमला भारत में विपक्ष को एक मंच पर ले आया। सर्जिकल स्ट्राइक और आंतकवाद पर हमले से हाफिज सईद निराश है। यह साबित करता है कि मोदी सरकार सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली-बिल्ले हज को चले। यह कहावत ही नहीं है बल्कि इसको हकीकत में परिणित किया गया है कर्नाटक विधानसभा और उसके बाद अभी हाल ही में हुये उपचुनावों के समय चले चुनाव अभियान के दौरान।
जयेन्द्र चौधरी आज कह रहे हैं कि २०१९ का चुनाव हिन्दू-मुस्लिम नहीं रहेगा। यह उन्होंने इसलिये कहा है क्योंकि कैराना लोकसभा का चुनाव तथा अन्य उपचुनाव देवबंद से मुस्लिमों की वोटिंग के लिये आए फतवे और इसाई धर्म गुरूओं द्वारा प्रसारित भारत की पंथनिरपेक्ष, प्रजातांत्रिक प्रणाली पर प्रहार करने हेतु।
पीएम मोदी को येन-केन-प्रकारेण हटाना ही एक मात्र उद्देश्य विपक्ष का नहीं होना चाहिये।
आज संबित पात्रा ने लिखा, ‘इसमें कोई नई बात नहीं है कि महागठबंधन 2019 में मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकना चाहता है। महागठबंधन के अलावा ऐसे कई अन्य लोग भी हैं जो ऐसा ही चाहते हैं। हाफिज सईद खुलेआम नरेंद्र मोदी का खून बहाने की बात कर रहा है।Ó
इस संदर्भ में यहॉ स्मरण दिलाना उचित है कि जेएनयू में अफजल गुरू का शहीदी दिवस मनाये जाने और आजादी के नारे, भारत की बर्बादी के नारे लगवाये जाने के पीछे भी हाफिज सईद का ही हाथ रहा है। आज वह नई पार्टी बनाकर प्रजातंत्र का चोंगा पहन रखा है।
यही चोंगा अर्थात जनेऊधारी ब्राम्हण बनने का ढ़ोंग राहुल गांधी भी किये हुए हैं। राहुल गांधी स्वयं अन्य विपक्षी नेताओं केजरीवाल तथा वामपंथी नेताओं के साथ आजादी गैंग के पीठ थपथपाने पहुंच गये थे। यह क्या इंगित करता है?
इन्हीं गांधियों के  निर्देश पर मणिशंकर अय्यर भी पाकिस्तान पहुंचकर वहॉ के टीवी चैनल में साक्षात्कार देते हुये कहा था कि मोदी को हटाने के लिये पाकिस्तान को अर्थात आईएसआई को चाहिये कि वह सहायता करे।
इसी प्रकार से इसके बाद हमने देखा कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दरमियान इन्हीं मणिशंकर अय्यर के घर में रात्रि के अंधेरे में अंदर कमरे में बिजली की रोशनी मेें एक मीटिंग हुई थी जिसमें मनमोहन सिंह, हामिद अंसारी के साथ पाकिस्तान के पूर्व विदेशमंत्री कसूरी व पाक के राजदूत।
पाकिस्तान के नेताओं से मुलाकात के बाद ही अय्यर ने नरेन्द्र मोदी को नीच आदमी कहा था।
द्वठ्ठह्यठ्ठद्ग2ह्य के अनुसार अब 13 अप्रैल को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया अपने एक मुस्लिम विधायक जमीर  मोहम्मद खान के साथ एक दिन के गुप्त दौरे पर पाकिस्तान गये थे –और उसके बाद हाल ही में सोनिया गाँधी इंदिरा  गाँधी की एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने रूस गई जहाँ पाकिस्तान की ढ्ढस्ढ्ढ का चीफ भी था –      इन सब तथ्यों से स्पष्ट है कि पाकिस्तान के बिना लगता है कांग्रेस की कोई गति नहीं है।
ऐसा ना हो 2019 चुनाव में कांग्रेस का पाकिस्तान, उसकी ढ्ढस्ढ्ढ,  उसकी सेना और हाफिज सईद से परोक्ष गठबंधन हो जाये जिससे  मोदी को हटाया जा सके वैसे ये गठबंधन अभी भी चल रहा प्रतीत होता है।
राजनीतिक दृष्टि से हम २०१९ के लोकसभा चुनावों की चर्चा करें तो हमें ऐसा महसुस होगा कि १० बड़े राज्यों और ३६० लोकसभा सीटों पर बीजेपी और कांंग्रेस दोनों के सामने चुनौती है।
जैसे यूपी के उपचुनाव के दरमियान देवबंद से फतवा जारी हुआ था उसी प्रकार से गुजरात व कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय क्रिस्चियन आर्कबिशप द्वारा लिखित फतवे प्रसारित हुए थे जिन्हें कि वेटीकन ने इंडोर्स किया था। हम यह सब जानते हैं कि वेटीकन से कैथोलिक क्रिस्चियन सोनिया गांधी का निकट का संबंध है।
10 बड़े राज्यों में लोकसभा की 360 सीटें (दो तिहाई सीटें) हैं। अगर बीजेपी 2014 की तरह उत्तर और पश्चिम के ज्यादा राज्य नहीं जीत पाती तो उसे दक्षिण और पूरब के सूबों से अपने इस नुकसान की भरपाई करनी होगी। यह करना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि इन इलाकों में बीजेपी इतनी मजबूत नहीं है। इसी प्रकार से कांगे्रस के सामने भी चुनौती है क्योंकि केरल व कर्नाटक के अलावा इन सभी लोकसभा सीटों पर कांगे्रस की भी स्थिति बीजेपी जैसी ही है। इसलिये दोनों के सामने ही चुनौती है।
ऊपर लिखे दस बड़े राज्य है : उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, ओड़ीसा, तेलंगाना व केरल ।