युवाओं का ब्रेनवाश कर आईएसआईएस में भर्ती कराने के आरोपी बासित कलाम सिद्दीकी अफगानिस्तान में बैठे आकाओं के संपर्क में था। वह लैपटॉप से ही अक्सर उनके संपर्क में रहता था। एनआईए की छानबीन में बासित के लैपटॉप से स्काइप, टेलीग्राम सहित अन्य कई वीडियो कालिंग वाले एप मिले।
वहीं, पेनड्राइव से विस्फोटक प्रशिक्षण संबंधी जानकारियां, उसे जुड़े वीडियो और फोटो बरामद हुए। आईईडी और विस्फोटक बनाने में उपयोग होने वाले पदार्थों के बारे में हाथ से लिखा हुआ नोट भी एनआईए ने बरामद किया हैै। टेलीग्राम पर आधा दर्जन से अधिक ग्रुप बनाकर वह विशेष समुदाय के युवाओं को आतंकवादी हमलों को अंजाम देने संबंध में विस्फोटक प्रशिक्षण दे रहा था।
बुधवार को खजुरी से गिरफ्तार बासित कलाम सिद्दीकी की संलिप्तता ‘वायस आफ हिंद’ माड्यूल केस में थी। एनआईए ने उसके लैपटॉप, मोबाइल और पेन ड्राइव को खंगाला तो वह दंग रहे गए थे। अफगानिस्तान में बैठे आईएसआईएस संचालकों के निर्देश पर वह लैपटॉप के जरिये वह विभिन्न सोशल साइट पर 24 घंटे एक्टिव रहता था। बासित का इरादा आईएसआईएस के मंसूबे को अधिक प्रचारित और प्रसारित करने का था। उसके संपर्क में रहने वाले अन्य कई युवकों को भी एनआईए ने चिह्नित किया है।
बासित को लेकर नई दिल्ली गई एनआईए
आईएसआईएस संगठन से जुडे़ संदिग्ध बासित कलाम सिद्दीकी को एनआईए दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर नई दिल्ली लेकर गई है। सीजेएम विजय विश्वकर्मा के आदेश पर बासित को दो दिन की रिमांड पर एनआईए ने लिया। इस दौरान रिमांड पर लेकर उसके संगठन से जुड़े अन्य युवकों और आकाओं के बारे में एनआईए जानकारी खंगालेगी। एनआईए इंस्पेक्टर विश्वदेव ने तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड के लिए कोर्ट में आवेदन किया था।
पिता बोले, नासमझी में आईएसआईएस से जुड़ गया बेटा
बेटे के आईएसआईएस से जुड़े होने और उसकी गिरफ्तारी से पिता स्तब्ध हैं। हैचरी का व्यवसाय करने वाले पिता के अनुसार बेटा बासित नासमझी में आईएसआईएस के जाल में फंस गया। उसका किसी माड्यूल से कनेक्शन नहीं है। सुबह पड़ोसियों से बातचीत में भावुक होते हुए पिता ने कहा कि मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि एकदम गुमसुम और दिन भर पढ़ाई करने वाला मेरा बेटा कैसे आईएसआईएस के संपर्क में आ गया। घटना के बाद से मां और अन्य भाईयों, बहनें भी घर से बाहर नहीं निकल रही हैं। इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई बासित की यही शहर के एक नामी निजी स्कूल में हुई थी। इंटर की पढ़ाई के बाद उसे कोटा इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए भेजा गया था। लॉकडाउन में वह लौटा तो फिर ऑनलाइन इंजीनियरिंग की तैयारी शुरू कर दी थी।
दो से तीन माह बाद दिखता था बाहर
बासित के पड़ोसियों ने बताया कि मोहल्ले में उसके एक भी दोस्त नहीं थे। ऐसा लगता था कि वह यहां रहता ही नहीं था। कभी-कभी दो से तीन माह पर वह दिखाई देता था। पर्व, त्योहार पर भी वह किसी से नहीं मिलता था। सिर्फ अपने कमरे में रहता था। इसके कारण परिजनों को लगता था कि वह पढ़ाई करता है। बेहद साधारण और हमेशा शांत रहता था।
एनआईए को घेर लिया था मोहल्ले वालों ने
पड़ोसियों ने बताया कि कच्चीबाग स्थित बासित के मकान में दोपहर के समय पांच से छह लोगों की टीम पहुंची और दरवाजा खुलते ही अंदर घुस गई। अंदर से दरवाजा भी बंद कर दिया। वह सिर्फ बासित को पूछ रहे थे, ऊपरी मंजिल स्थित अपने कमरे में रहे बासित से अकेले में दो व्यक्तियों ने पूछताछ शुरू कर दी। इस दौरान अन्य टीम में शामिल अन्य सदस्यों ने बासित के परिजनों के मोबाइल भी बंद करवा दिया। यह जानकारी मोहल्ले में लोगों को जैसे हुई तो वह बासित के घर के पास जमा हो गए। विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया। उसके बाद उस टीम से एक अधेड़ उम्र का एक व्यक्ति घर से बाहर निकला और खुद को जांच एजेंसी से बताते हुए पूछताछ संबंधी कार्रवाई की बात की। इसके कुछ ही देर बाद लालपुर-पांडेयपुर सहित अन्य थानों की भारी फोर्स जमा हो गई। फोर्स देखने के बाद फिर कोई पूछताछ के लिए मकान पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका।
युवाओं का ब्रेनवाश कर आईएसआईएस में भर्ती कराने के आरोपी बासित कलाम सिद्दीकी अफगानिस्तान में बैठे आकाओं के संपर्क में था। वह लैपटॉप से ही अक्सर उनके संपर्क में रहता था। एनआईए की छानबीन में बासित के लैपटॉप से स्काइप, टेलीग्राम सहित अन्य कई वीडियो कालिंग वाले एप मिले।
वहीं, पेनड्राइव से विस्फोटक प्रशिक्षण संबंधी जानकारियां, उसे जुड़े वीडियो और फोटो बरामद हुए। आईईडी और विस्फोटक बनाने में उपयोग होने वाले पदार्थों के बारे में हाथ से लिखा हुआ नोट भी एनआईए ने बरामद किया हैै। टेलीग्राम पर आधा दर्जन से अधिक ग्रुप बनाकर वह विशेष समुदाय के युवाओं को आतंकवादी हमलों को अंजाम देने संबंध में विस्फोटक प्रशिक्षण दे रहा था।
बुधवार को खजुरी से गिरफ्तार बासित कलाम सिद्दीकी की संलिप्तता ‘वायस आफ हिंद’ माड्यूल केस में थी। एनआईए ने उसके लैपटॉप, मोबाइल और पेन ड्राइव को खंगाला तो वह दंग रहे गए थे। अफगानिस्तान में बैठे आईएसआईएस संचालकों के निर्देश पर वह लैपटॉप के जरिये वह विभिन्न सोशल साइट पर 24 घंटे एक्टिव रहता था। बासित का इरादा आईएसआईएस के मंसूबे को अधिक प्रचारित और प्रसारित करने का था। उसके संपर्क में रहने वाले अन्य कई युवकों को भी एनआईए ने चिह्नित किया है।
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