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नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार ISI एजेंट का नोएडा से भी कनेक्शन,

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बिहार में भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार आईएसआई एजेंट फरीदा मलिक का नोएडा कनेक्शन सामने आया है। वह वर्ष 2021 में नोएडा आई थी और होटल में रुकने का प्रयास किया था। नोएडा पुलिस ने सेक्टर-18 से गिरफ्तार कर उत्तराखंड पुलिस के हवाले कर दिया था। अब एक बार फिर गिरफ्तार होने के बाद फरीदा ने पूछताछ में नोएडा में सामान रखे होने की जानकारी दी है। नोएडा पुलिस, इंटेलिजेंस टीम के साथ मिलकर मामले की जांच कर रही है।

सीमा सुरक्षा बल ने 1 नवंबर को बिहार के किशनगंज से भारत- नेपाल बॉर्डर पर पाकिस्तानी मूल की फरीदा मलिक को गिरफ्तार किया था। वह सना खान बनकर भारत में रह रही थी। फरीदा 26 फरवरी 2020 को नोएडा के सेक्टर-18 से गिरफ्तार हुई थी। उस वक्त उत्तराखंड की चंपावत पुलिस उसकी तलाश में नोएडा आई थी। गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड की जेल में 11 महीने रही।

बताया जा रहा है कि 17 अक्तूबर को वह कतर से नई दिल्ली आई थी। वह दिल्ली से फ्लाइट से बागडोगरा पहुंची और वहां से सड़क मार्ग से किशनगंज जा रही थी। नेपाल जाते वक्त रास्ते में पकड़ी गई। उसके पास से अमेरिका के कैलिफोर्निया में बना ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट मिला है। जिसमें उसका नाम फरीदा मलिक दर्शाया गया है।

उसके पास से नोएडा के एक फिल्म इंस्टीट्यूट का परिचय पत्र भी मिला है। उसमें उसका नाम सना अख्तर लिखा है। उसी संस्थान के कार्ड पर वह टिकट बुक कराकर भारत में घूम रही थी। इसी कार्ड के सहारे वह भारत से नेपाल जाने के फिराक में थी। भारत में नाम बदलकर रहने व नेपाल जाने के पीछे की मंशा के बारे में किशनगंज पुलिस व एसएसबी जानकारी प्राप्त कर रही है।
एसएसबी की पूछताछ में हनी ट्रैप में फंसाकर सूचना लेन-देन की बात भी सामने आ रही है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। अब तक की पड़ताल से पता चला है कि महिला के परिजन पहले जयपुर में रहते थे। जो विभाजन के वक्त कराची चले गए थे। गिरफ्तार महिला ने अपना ननिहाल अजमेर में बताया है।

वह 1984 में पाकिस्तान से अमेरिका के वर्जिनिया चली गई थी। उसने 1992 में अमेरिकी ग्रीन कार्ड हासिल कर लिया और वहां की नागरिक बन गई। बाद में वह वर्जिनिया से कैलिफोर्निया में में रहने लगी। इसी बीच उसने एक भारतीय से शादी कर ली। कुछ साल बाद उसका तलाक हो गया और उसका पति भारत लौट आया था।

चीन के दो नागरिक भी रहे थे नोएडा में छिपकर
इससे पहले मई 2022 में थाईलैंड -काठमांडू के रास्ते चीन के दो नागरिक देश में अवैध तरीके से घुस गए थे और 24 मई से दस जून तक नोएडा में अपने दोस्त के साथ रहे थे। इस दौरान न नोएडा कमिश्नरेट पुलिस को पता चला था न ही खुफिया विभाग को। जब 11 जून को बिहार में नेपाल बॉर्डर से एसएसबी ने दोनों को गिरफ्तार किया था तब नोएडा कनेक्शन का पता चला था।

फरीदा नामक महिला वर्ष 2021 में नोएडा से गिरफ्तार हुई थी और होटल में रुकने का प्रयास किया था। उसे उत्तराखंड पुलिस ले गई थी। फिलहाल इस महिला का नोएडा से कनेक्शन की जांच की जा रही है। इसके लिए इंटेलिजेंस की टीम से समन्वय बनाकर जानकारी ली जा रही है। – आलोक सिंह, पुलिस कमिश्नर

बिहार में भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार आईएसआई एजेंट फरीदा मलिक का नोएडा कनेक्शन सामने आया है। वह वर्ष 2021 में नोएडा आई थी और होटल में रुकने का प्रयास किया था। नोएडा पुलिस ने सेक्टर-18 से गिरफ्तार कर उत्तराखंड पुलिस के हवाले कर दिया था। अब एक बार फिर गिरफ्तार होने के बाद फरीदा ने पूछताछ में नोएडा में सामान रखे होने की जानकारी दी है। नोएडा पुलिस, इंटेलिजेंस टीम के साथ मिलकर मामले की जांच कर रही है।

सीमा सुरक्षा बल ने 1 नवंबर को बिहार के किशनगंज से भारत- नेपाल बॉर्डर पर पाकिस्तानी मूल की फरीदा मलिक को गिरफ्तार किया था। वह सना खान बनकर भारत में रह रही थी। फरीदा 26 फरवरी 2020 को नोएडा के सेक्टर-18 से गिरफ्तार हुई थी। उस वक्त उत्तराखंड की चंपावत पुलिस उसकी तलाश में नोएडा आई थी। गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड की जेल में 11 महीने रही।

बताया जा रहा है कि 17 अक्तूबर को वह कतर से नई दिल्ली आई थी। वह दिल्ली से फ्लाइट से बागडोगरा पहुंची और वहां से सड़क मार्ग से किशनगंज जा रही थी। नेपाल जाते वक्त रास्ते में पकड़ी गई। उसके पास से अमेरिका के कैलिफोर्निया में बना ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट मिला है। जिसमें उसका नाम फरीदा मलिक दर्शाया गया है।

उसके पास से नोएडा के एक फिल्म इंस्टीट्यूट का परिचय पत्र भी मिला है। उसमें उसका नाम सना अख्तर लिखा है। उसी संस्थान के कार्ड पर वह टिकट बुक कराकर भारत में घूम रही थी। इसी कार्ड के सहारे वह भारत से नेपाल जाने के फिराक में थी। भारत में नाम बदलकर रहने व नेपाल जाने के पीछे की मंशा के बारे में किशनगंज पुलिस व एसएसबी जानकारी प्राप्त कर रही है।