माघ मेले के तीसरे और सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर संगम में मौन डुबकी शनिवार को लगेगी, लेकिन इससे पहले ही आस्था की अनंत लहरें उफना गई हैं। शुक्रवार को संगम समेत सभी 17 स्नान घाट भोर में ही आस्था के प्रवाह में डूब गए। पांटून पुलों लंबी कतारों में चींटी चाल चलते श्रद्धालु आगे बढ़ते रहे। न किसी चेहरे पर थकने की चिंता न मीलों दूर पैदल चलने की फिक्र, सबमें सिर्फ संगम पर पहुंचने की होड़ मची है।
देर शाम तक मेला प्रशासन ने 80 लाख श्रद्धालुओं के स्नान का दावा किया।घने कोहरे और हाड़ हिला देने वाली ठंड के बीच बृहस्पतिवार की रात से ही संगम की सड़कों पर भक्ति का कारवां बढ़ने लगा। हर तरफ से भीड़ निकलने की वजह से मेला प्रशासन ने रात को ही मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश रोक दिया। इससे झूंसी, नैनी, फाफामऊ की ओर से संगम जाने वाले रास्तों पर पैदल पथिकों की लंबी कतारें लग गईं। पांटून पुलों पर रेला चलने लगा। सुबह आठ बजे त्रिवेणी पांटून पुल पर भीड़ के दबाव के चलते हजारों लोग फंस गए।
सर्वार्थ सिद्धि योग में लगेगी मौनी अमावस्या पर मौन डुबकी
मौनी अमावस्या पर शनिवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में संगम पर मौन डुबकी लगेगी। इस बार शनि अमावस्या होने की वजह से इस स्नान पर्व पर डुबकी विशेष फलदायी होगी।ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक मौनी अमावस्या शनिवार की सुबह 6:16 बजे से रविवार की रात 2:22 बजे तक रहेगी। इस बीच सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है। ऐसे में पुण्य की डुबकी से मनसा , वाचा, कर्मणा तीनों तरह के पापों के शमन के योग हैं। ज्योतिषाचार्य पं. ब्रजेंद्र मिश्र के मुताबिक सुबह 8:33 से 9:52 बजे के बीच स्नान-दान का सबसे उत्तम मुहूर्त है।
किसी तरह तिल-तिल कर लोग आगे बढ़े, तब दो घंटे भर बाद स्थिति सहज हो सकी। काली घाट, राम घाट से लेकर संगम तक एक जैसी भीड़ नजर आने लगी। स्नान घाटों पर कपड़े बदलने की भी जगह नहीं बची। मेला प्रशासन की ओर से परेड में बड़ी संख्या में रैन बसेरे बनाने के साथ ही अक्षयवट मार्ग पर बने पांच सौ बे़ड वाले अतिथि बसेरा भी खचाखच भर गया।
हर तरफ से अमावस्या स्नान के लिए कहीं हाथों में अपने-अपने समूहों का झंडा उठाए भक्तों की टोलियां चलती रहीं, तो कहीं एक -दूसरे का हाथ थामे लोग बढ़ रहे थे। घाटों पर मनौतियां मानने वाले बाजे गाजे के साथ डुबकी लगाने पहुंच रहे थे। चाहे स्नान घाट हों या संतों-कल्पवासियों के शिविर। हर तरफ जन ज्वार हिलोरें मारता रहा। पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालुओं के रेला के बीच संगम समेत काली, त्रिवेणी और मोरी मार्गों पर बने स्नान घाट शाम तक भक्ति के जन प्रवाह से पैक रहे।
मौनी अमावस्या पर आज होगी संतों-भक्तों पर पुष्पवर्षामौनी अमावस्या स्नान पर्व पर योगी आदित्यनाथ सरकार संगम समेत गंगा के दोनों तटों पर बने स्नान घाटों पर पुष्पवर्षा करेगी। इसके लिए हेलिकॉप्टर पुलिस लाइन में आ गया है। सुबह 8:30 बजे संगम तट से पुष्पवर्षा आरंभ हो जाएगी। मेलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान ने बताया कि चार राउंड में संतों-भक्तों पर पुष्पवर्षा कराई जाएगी।
माघ मेले की तैयारियां एक नजर में
80 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के संगम में मौन डुबकी लगाने का मेला प्रशासन का दावा
155 सीसीटीवी कैमरों से मेला क्षेत्र पर नजर
18500शौचालयों की स्वच्छता के लिए की गई है स्थापना
17 घाटों पर मौनी अमावस्या का हुआ स्नान
10 स्थानों पर वाहनों के लिए बनाई गई है पार्किंग
17 प्रवेश द्वारों पर कोविड हेल्प डेस्क तैनात
More Stories
लोकसभा चुनाव 2024: दिल्ली कांग्रेस ने बनाया कंट्रोल रूम और कॉल सेंटर
पंजाब के दौरे पर पहुंचे सीएम भजनलाल, बोले- प्रधानमंत्री
ट्रक निकोला नागासाकर, पांचवा पांच इंच पुराना भुक्की चुरा पोस्ट हुआ बरामद