छतरपुर में गुरुवार को सिर पर तसला और हाथ पर फावड़ा लिए सैकड़ों महिला मजदूर सड़क पर उतर आईं। वह इन्हें लेकर कलेक्टर बंगले के सामने पहुंचीं और नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि हम आधार कार्ड बनवाने आ रहे हैं, तीन दिन से रोज चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हमारा कार्ड नहीं बन रहा है और न ही काम मिल रहा है। महिलाओं ने छत्रसाल चौराहा, जिला अस्पताल के पास नेशनल हाइवे और फिर कलेक्टर बंगले के सामने प्रदर्शन कर धरना दिया।
असल में, कोरोना संकट के कारण बाहर से लौटे मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। जिलों में मनरेगा के तहत आधार कार्ड दिखाने पर जॉब कार्ड बनेगा, लेकिन जब बनेगा ही नहीं तो काम नहीं बन रहा है जहां आज इन्होंने एकत्रित होकर पहले शहर के छत्रसाल चौराहा, जिला अस्पताल के पास नेशनल हाईवे पर और फिर कलेक्टर बंगले के सामने प्रदर्शन और धरना दिया। सर पर तसला, गेंती, फावड़ा और मजदूरी का समान लिए आंदोलन कर रहीं महिलाओं का कहना है कि हम पिछले 1 हफ्ते से श्रम कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड बनवाने के लिए भटक रहे हैं।
मजदूरों ने कहा- 2-3 महीने से काम नहीं मिल रहा
मजदूरों का कहना है कि पहले लॉकडाउन ने हमें 2-3 महीने से काम नहीं मिल रहा था। जैसे-तैसे ही काम चालू हुआ है तो अब श्रम, आधार, राशन कार्ड का मसला आ गया है। हम मजदूरी छोड़कर राशन कार्ड आधार कार्ड श्रम कार्ड बनवाने की लाइन में लगे रहते हैं। पिछले 1 हफ्ते से यही सिलसिला चल रहा है। घंटों लाइन में लगे रहने के बाद जब पहुंचते हैं। नंबर आने पर कहते हैं कि सर्वर काम नहीं कर रहा है। यह सिलसिला पिछले कई दिनों से चल रहा है, सुबह से यहां आ जाते हैं आधा दिन हो जाता है, इसके बाद काम पर भी नहीं जा पाते।
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