कोरोनावायरस महामारी के कारण टाली गईं सीबीएसई की 10वीं-12वीं के बचे हुए विषयों की परीक्षाएं होंगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है। बोर्ड ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंप दी है। छात्रों के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई है, जिसमें कोरोना महामारी के कारण बचे हुए विषयों की परीक्षाएं न कराने की मांग की गई है।
छात्रों के माता-पिता ने अपनी याचिका में कहा है कि बाकी बचे विषयों में असेसमेंट या प्रेक्टिकल एग्जाम के नंबरों के आधार पर नंबर दिए जाएं। महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिशा ने भी मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय से यही मांग रखी थी।
10वीं का रिजल्ट असेसमेंट से तैयार किया जा सकता है
सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड और एचआरडी मंत्रालय के बीच हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि 10वीं का रिजल्ट तो असेसमेंट से तैयार किया जा सकता है, लेकिन 12वीं का नहीं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसी रिजल्ट के आधार पर आईआईटी, मेडिकल और दूसरे इंस्टीट्यूट्स में दाखिला होता है। असेसमेंट में कई होनहार छात्र कमजोर साबित हो सकते हैं, क्योंकि वे क्लास टेस्ट की बजाय एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी को तवज्जो देते हैं।
29 विषयों की परीक्षा होनी है
कुल 29 विषयों की परीक्षा होनी है। इनमें से 6 विषय की परीक्षा उत्तर पूर्वी दिल्ली में 10वीं क्लास के छात्रों के लिए होनी है। इन्हें दिल्ली में हुए दंगे की वजह से टाला गया था। 12वीं के 12 विषयों की परीक्षा देशभर में होनी है। वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली में इन 12 के अलावा 11 और मुख्य विषयों की परीक्षा होनी है। बोर्ड ने ये परीक्षाएं 1-15 जुलाई के बीच कराने का नोटीफिकेशन जारी किया है। इसके बाद इंजीनियरिंग एंट्रेस एग्जाम जेईई-मेन्स की परीक्षा 18-23 जुलाई और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट की परीक्षा 26 जुलाई को कराई जानी है।
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