मेरठः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के उमेश पाल शूटआउट की जांच लगातार पूरी प्लानिंग के साथ बरेली सेंट्रल जेल में बनने की तरफ बढ़ रही है। सोमवार को महानिदेशक जेल (डीजी) आनंद कुमार ने बरेली सेंट्रल जेल के पांच अधिकारियों राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप और तीन वार्डन को निलंबित कर दिया है। जेल अधीक्षक राजू शुक्ला से भी जवाब तलब किया गया है। इससे पहले बरेली पुलिस पीलीभीत जेल के सिपाही मनोज कुमार को गिरफ्तार कर चुकी है। बरेली जेल में नियमों के खिलाफ मिलाई कराने को लेकर अभी तक दो सिपाही समेत 5 गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
दरअसल, बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में 24 फरवरी को गोली और बम बरसाकर हत्या की गई थी। उमेश के साथ 2 सिपाही भी मारे गए। पुलिस जांच में बरेली जेल में बंद अशरफ को हत्याकांड का मास्टरमाइंड पाया गया है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में इसका खुलासा किया है।
सीसीटीवी फुटेज से खुलासा हुआ है कि हत्याकांड से 13 दिन पहले अशरफ से नौ शूटर मिलने आए। 11 फरवरी को अतीक का बेटे असद, विजय उर्फ उस्मान चौधरी, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और अन्य पांच आरोपियों ने फर्जी आईडी से अशरफ से मुलाकात की थी।उसेक बाद 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी थी।
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