देश में एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कंपनी खोलना बेहद आसान बना दिया है. केंद्र सरकार ने सेल्फ डिक्लरेशन यानी खुद की घोषणा के आधार पर कंपनी खोलने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. नए नियम के मुताबिक कंपनी के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के निर्देश जारी हो गए हैं. नए दिशानिर्देश 1 जुलाई 2020 से प्रभावी हो गए हैं.
दस्तावेजों की जरूरत नहीं
अभी तक कंपनी के रजिस्ट्रेशन के लिए कई तरह के डॉक्यूमेंट जमा कराने पड़ते थे लेकिन अब इनकम टैक्स और जीएसटी सिस्टम को एंटरप्राइज रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को जोड़ दिया गया है. इसलिए डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं है. अब जो भी जानकारी दी जाएगी उनका वेरिफिकेशन पैन और जीएसटी पहचान संख्या यानी GSTIN से हो जाएगी.
नए नियम के मुताबिक आधार नंबर के बेसिस पर किसी भी एंटरप्राइज यानी कारोबार को रजिस्टर्ड कराया जा सकता है. इसके लिए किसी भी डॉक्यूमेंट को अपलोड करने की जरूरत नहीं है. सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि एमएसएमई इकाइयों को अब उद्यम के नाम से जाना जाएगा. यह शब्द उपक्रम शब्द के अधिक करीब है. वहीं इस रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अब उद्यम पंजीकरण नाम दिया गया है.
एमएसएमई के लिए खास सुविधा
सरकार ने इस रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में एमएसएमई सेक्टर का खास ध्यान रखा है. एमएसएमई मंत्रालय ने कहा है कि यह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया उन उद्यमियों की मदद करेगा जो किसी भाी कारण से उद्यम रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएं हैं. जिला स्तर पर जिला उद्योग केंद्रों को उद्यमियों की सुविधा के लिए जिम्मेदार बनाया गया है.
जिन लोगों के पास वैलिड आधार नंबर नहीं हैं वे इस सुविधा के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से संपर्क कर सकते हैं. आधार नामांकन अनुरोध या पहचान के साथ, बैंक फोटो पासबुक, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस और सिंगल विंडो सिस्टम उन्हें आधार संख्या हासिल करने के बाद रजिस्ट्रेशन कराने में सहूलियत मुहैया कराएगा.
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