- 24-Jun-2023
इंदौर,२४ जून । जिला उपभोक्ता फोरम ने एक निर्णय में आदेश दिया कि होम लोन देेते वक्त फाइनेंस कंपनी ने त्रण सुरक्षा बीमा करवाया है तो ऋण लेने वाले की मौत के बाद ऋण के संपूर्ण भुगतान का दायित्व बीमा कंपनी का होगा। बीमा कंपनी यह कह कर कि मृतक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, अपने दायित्वों से मना नहीं कर सकती। फोरम के अध्यक्ष बलराजकुमार पालोदा ने एक निर्णय में परिवादी को लोन के ४२ लाख रुपए भुगतान एक माह में कर मृतक की पत्नी को इस संबंध में प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं। मामला यह है कि गाडऱाखेड़ी इंदौर निवासी मोंटी मकवाना ने आदित्य बिड़ा हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से १५ फरवरी २०२० को ४२ लाख रुपए का होम लोन लिया था। फाइनेंस कंपनी ने आदित्य बिड़ला इंश्योरेंस कंपनी से ऋण सुरक्षा बीमा कंपनी में जमा किए थे। २३ फरवरी २०२१ को मोंटी की सड़क हादसे में मौत हो गई। इसके बाद उसकी पत्नी पूजा मकवाना ने कंपनी में आवेदन देकर ४२ लाखरुपए ऋण अदायगी की गुहार लगाते हुए आवेदन में कहा कि उसके पति ने ऋण सुरक्षा पालिसी ली थी। इसकी प्रीमियम भी जमा की थी। अब उनकी मृत्यु हो गई है। इसलिए बीमा कंपनी उक्त ऋण का भुगतान करे। बीमा कंपनी ने यह कहते हुए आवेदन नियत कर दिया कि दुर्घटना के वक्त मोंटी मकवाना शराब के नशे में थे और हादसा उनकी लापरवाही से हुआ था। पुलिस ने उनके खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किया था। इस पर पूजा ने एडवोकट चितरंजन छाजेड़ के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग में बीमा कंपनी के खिलाफ परिवाद दायर किया। जिला उपभोक्ता फोरम ने महिला के वकील के तर्कों से सहमत होते हुए आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया कि वह ऋण के ४२ लाख रुपए आदित्य बिड़ला हाउसिंग फाइनेंस को अदा करे। इस संबंध में प्रमाण पत्र जारी करें और मकान को ऋण मुक्त घेाषित करें। आयोग ने फरियादी को २५ हजार रुपए मानसिक संत्रास और दस हजार रुपए परिवाद व्यय के रूप में भी दिलवाए।
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