इस दिन किसान कृषि कार्य में उपयोग आने वाले कृषि उपकरणों के पूजन के साथ ही कुलदेवता का भी पूजन करेंगे। साथ ही अमावसया का दान-पुण्य होगा और सरोवरों में डुबकी लगाई जाएगी। हिरयाली के साथ सोमवती अमावस्या के इस संयोग को पितृ कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है।
20 जुलाई 2020 सोमवार, को श्रावण अमावस्या, हरियाली अमावस्या, सोमवती अमावस्या पड़ रही है। यह अमावस्या रात 12 बजकर 10 मिनट से रात 11 बजकर 2 मिनट तक आरंभ रहेगी। हरेली पर पारंपरिक पकवानों की महक रहेगी और लोक खेलों से दिनभर उत्साह का माहौल रहेगा। किसान कृषि औजार हल, गैंती, कुदाल, फावड़ा समेत कृषि के काम आने वाले सभी तरह के औजारों की साफ-सफाई कर पूजन करेंगे। कुल देवता और ग्राम देवता का भी विधि-विधान से पूजन होगा। वहीं अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुंचेंगे और पूजन करेंगे। इस दिन बैल, भैंस और गाय को बीमारी से बचाने के लिए बरगंडा और नमक खिलाने की परंपरा है। ग्वाले घरों में जाकर गाय, बैल और भैंसों को नमक मिलाकर बरगंडा की पत्ती खिलाएंगे। उन्हें इस कार्य के लिए लोग स्वेच्छा से विभिन्न प्रकार की सामग्री उपहार स्वरूप देंगे। साथ ही घरों के मुख्य दरवाजों पर सुख शांति की कामना के साथ नीम की पत्तियां भी लगाई जाएंगी। लोकपर्व के लिए लोक खेलों की भी परंपरा है। इससे जगह-जगह नारियल की बाजी लगेगी। इसके साथ ही कबड्डी, कुश्ती, फुगड़ी, खो-खो, कबड्डी, बिल्लस, गे़ंडी दौड़ समेत अन्य पारंपरिक खेलों का आयोजन होगा। इस दिन गे़ंडी बनेगी। इसका लोग आनंद लेंगे और इसे एक महीने बाद पोला के दिन ठंडा किया जाएगा।
More Stories
CG News: नशे में धुत ड्राइवर पर अब गैर इरादतन हत्या का केस… धारा 304ए नहीं हुई लागू
राजस्थान में ना हो राजकोट जैसी घटना, सरकार हुई अलर्ट
नेशनल हाईवे पर लूट की नियत से कार पर पत्थरबाजी, एक सवार की हालत गंभीर, दो गिरफ्तार…