यह मीटिंग एलएसी पर भारत की ओर स्थित चुशूल में सुबह 11.30 बजे शुरू होगी। बैठक में पैंगोंग त्सो और देपसांग इलाके से सेनाएं हटाने के लिए डिएस्क्लेशन और डिसएंगेजमेंट का दूसरा फेज शुरू करने पर बात की जाएगी। भारत इन इलाकों में 5 मई से पहले की स्थिति बहाल करने पर जोर देगा। भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।
एनएसए के चर्चा के बाद झुका था चीन
गलवान में 15 जून को भारत-चीन के बीच झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए, हालांकि उसने कबूल नहीं किया। तनाव कम करने के लिए 5 जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की चीन के विदेश मंत्री वांग यी से वीडियो कॉल पर चर्चा के बाद चीन विवादित इलाकों में सेना पीछे हटाने को तैयार हो गया था। लद्दाख में डिसएंगेजमेंट के पहले फेज में गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और गलवान घाटी से चीन के सैनिक पीछे हट चुके हैं।
भारत की मांग- फिंगर 4, 8 से बीच से भी चीन सेना हटाए
चीन ने पैंगोग त्सो इलाके में फिंगर 4 पर भी उसने सैनिकों की संख्या कम की है। भारत की मांग है कि फिंगर 4 और 8 के बीच के इलाके से भी चीन अपनी सेना हटाए। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक लद्दाख में एलएसी के साथ ही सभी इलाकों में भारत की ओर से कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
सेना प्रमुख ने जम्मू-पठानकोट सेक्टर का दौरा किया
थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सोमवार को जम्मू-पठानकोट सेक्टर का दौरा कर वहां राइजिंग स्टार कोर की सैन्य तैयारियों का समीक्षा की। उन्होंने गुर्ज डिविजन का भी दौरा किया। जनरल नरवणे ने सेना के अफसरों और जवानों से कहा कि पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने और घुसपैठ करने का करारा जवाब दिया जाए।
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