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अमरोहा: गंगा के हजारों चक्कर लगाने के बाद नाजिया का शव मिला, पति ने साथ बैठाकर कार नदी में कूदा दी थी

गजरौला में नाजिया के शव की तलाश
– फोटो : संवाद

विस्तार

पिता से पैसों को लेकर हुए विवाद के बाद पत्नी और कार समेत गंगा में कूदे शाने आलम की पत्नी नाजिया का शव 96 घंटे बाद दयावती गांव में गंगा किनारे मिला। नाविकों ने शव मिलने पर परिजनों को सूचना दी। शव गलने से चेहरे से पहचान नहीं हो पाई। परिजनों ने कपड़ों से उसकी पहचान नाजिया के रूप में की।

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थाना क्षेत्र के गांव सीकरी खादर निवासी शाने आलम पिता से पैसों के विवाद को लेकर बृहस्पतिवार की शाम पत्नी को कार में बैठाकर गंगा में कूद गया था। शुक्रवार की सुबह दस बजे शाने उसका शव बरामद हो गया, मगर उसकी पत्नी नाजिया का शव और कार बरामद नहीं हो सकी।

घटना के बाद से स्थानीय गोताखोर, ग्रामीण गंगा में खोज रहे थे। दो नावों में सवार गोताखोर, ट्यूब वाले युवक, फ्लड पीएसी जवान व थाना पुलिस कर्मी घटना स्थल से लेकर ब्रजघाट गंगा पुल तक गंगा जल में हजारों चक्कर लगाए। गंगा किनारे से लेकर गहरे जल और उथले जल में कोई ऐसा ठिकाना नहीं छोड़ा, जहां पर खंगाला न गया हो।

गोताखोर गंगा जल में पैदल घूम कर भी तलाश करते रहे। जहां पर कुछ दिखाई दे जाता है, तुरंत उधर को दौड़ पड़ते। सोमवार की शाम तक गोताखोरों व पीएसी जवानों ने घटना स्थल के आस पास पानी की भंवर में घंटों तक नाव घुमाई। तलाश करने में नाकाम रहने पर एनडीआरएफ को बुला लिया गया।

उसका अभियान शुरू होता, इससे पहले ही यह सूचना मिल गई कि दयावली के जंगल में नाजिया का शव मिल गया है। सीओ अरुण कुमार सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि नाजिया का शव मिल गया है। उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

15 किमी दूर मिला नाजिया का शव

बृहस्पतिवार की शाम गंगा में डूबी नाजिया को गोताखोर, नाविक फ्लड पीएसी जवान और पुलिस कर्मी सुनपुरा खादर से लेकर कांकाठेर के सामने तक तलाश करते रहे। उनको संभावना थी कि उसका शव बह कर आस पास कहीं किनारे पर लग गया होगा।

इस कारण वह आगे की तरफ नहीं गए। मगर सोमवार को ब्रजघाट के नाविक गंगा में नाव लेकर घूमते हुए दयावली के जंगल में पहुंच गए। उन्होंने शव पड़ा देख परिजनों को सूचना दी।