Ganesh Utsav 2023: ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा
– फोटो : अमर उजाला
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गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को है। इसकी के साथ गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। इस बार बरेली के बाजार में ईको फ्रेंडली गणपति की धूम है। कोलकाता से आईं भगवान गणेश की यह मूर्तियां कच्ची मिट्टी से बनी हैं। विसर्जन के बाद ये जल्दी ही पानी में घुल जाती हैं। पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से बनी मूर्तियों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं। आकार के हिसाब से ये मूर्तियां बाजार में 150 से लेकर पांच हजार रुपये तक की कीमत में उपलब्ध हैं। शहर में कई जगहों पर मूर्तियों की दुकानें लगाई गई हैं।
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ट्री गणेशा और पंचगव्य के गणपति
कई ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर ट्री गणेशा और पंचगव्य के गणपति की मूर्तियां मौजूद हैं। इन हस्तनिर्मित मूर्तियों की कीमत 700-800 रुपये के बीच है। ट्री गणेशा की मूर्तियों को आम, जामुन, नीम आदि के बीजों से बनाया गया है। विसर्जन के बाद इनमें मौजूद बीज अंकुरित होकर पौधे का रूप ले लेंगे।
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पंचगव्य के गणपति गाय के गोबर, गो मूत्र, गाय के घी, दही और विशेष जड़ी-बूटियों से तैयार किए गए हैं। इन्हें विसर्जित करने की जगह गमले में भी रखा जा सकता है।
इसलिए चुनें ईको फ्रेंडली गणपति
मूर्ति कारोबारी शोभित गाबा ने बताया कि पीओपी से बनी मूर्तियां पानी में घुलती नहीं हैं। इससे जलस्रोत प्रदूषित होते हैं। जलीव जीवों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। ईको फ्रेंडली मूर्तियां आसानी से पानी में घुल जाती हैं।
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