श्रावण शुक्ल पूर्णिमा सोमवार तीन अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक करीब पांच घंटे का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा। हालांकि दोपहर में अभिजीत मुहूर्त रहेगा, जो 53 मिनट दोपहर 12ः06 से 12ः59 बजे तक रहेगा। इस दौरान बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधेंगी तो शुभ फलदायी होगा।
पंडित रामजीवन दुबे, पंडित जगदीश शर्मा व रत्नेश शास्त्री ने बताया कि राखी अपराध काल व्यापिनी और प्रदोष युक्त मुहूर्त में बांधना सर्वश्रेष्ठ होती है। सुबह उपाक्रम व ऋषि तर्पण किया जाता है। इसके बाद श्रवण पूजन होती है और भद्रा निकलने के बाद राखी बांधना शुरू किया जाता है। इस बार तीन अगस्त सुबह 9ः29 बजे के बाद भद्रा समाप्त हो जाएगी। इसके बाद राखी बांधी जा सकेगी।
महिलाओं में उत्साह, घर पर बना रहीं राखियां
कोरोनाकाल के बावजूद महिलाओं में रक्षाबंधन पर्व को लेकर खासा उत्साह है, हालांकि लॉकडाउन के चलते बाजारों में राखियों की रौनक नहीं है। ब्राह्मण समाज, अग्रवाल समाज समेत अन्य समाजों की महिलाओं ने तो संकल्प लिया है कि बाजारों से खरीदी हुई राखियां अपने भाई की कलाई पर नहीं बांधेगी। जबकि कुछ परिवारों के घरों में ही राखियां बनाई जा रही हैं।
शुभ चौघड़िया : सुबह 9ः29 से 10ः54 बजे तक।
– अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12ः06 से 12ः59 बजे तक।
– चर का चौघड़िया : दोपहर 2ः12 से 3ः51 बजे तक।
– लाभ का चौघड़िया : दोपहर 3ः51 से 5ः30 बजे तक।
– अमृत का चौघड़िया : शाम 5ः30 से 7ः10 बजे तक।
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