घर में एक ही मरीज, उसका कमरा-वाशरूम अलग, माइल्ड लक्षण और उम्र 60 से कम
प्रदेश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी समेत बड़े शहरों में संक्रमितों को घर में इलाज की सशर्त अनुमति देनी शुरू कर दी है। रायपुर में गुरुवार को 50 मरीजों को घर पर ही इलाज यानी होम आइसोलेशन की मंजूरी दी गई। प्रदेश में एक वक्त पर 285 मरीज होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। दुर्ग और बिलासपुर जैसे शहरों में भी 20-20 मरीजों को घर पर ही इलाज करवाने की मंजूरी दी गई है। घर पर इलाज की अनुमति सशर्त दी जा रही है। सुविधा ऐसे लोगों को ही मिलेगी, जिनके घरों में मरीज को अलग रखने के इंतजाम हों। दुर्ग में पायलेट प्रोजेक्ट के बाद राजधानी रायपुर में कोरोना के मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा दी गई है। अब इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। रायपुर में जिस रफ्तार से मरीज बढ़ रहे हैं, अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल, एम्स व माना कोविड अस्पताल लगभग पैक है।इसके बाद ईएसआई अस्पताल, इनडोर स्टेडियम, आयुर्वेद कॉलेज में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। आने वाले दिनों में कामकाजी महिला छात्रावास फुंडहर में 230, अंतरराज्यीय बस स्टैंड रावणभाठा में 200 व स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बूढ़ापारा में 100 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया जाएगा। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारीक ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर होम आइसोलेशन के लिए जरूरी व्यवस्था करने व मानीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं।
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