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एटा: 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाहन हुए लापता, तलाश  में जुटा आरटीओ; नहीं मिल पा रही जानकारी

पुराने मानक पर आधारित वाहन

विस्तार

एटा में परिवहन विभाग को सरकारी विभागों में संचालित होने वाले 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को कबाड़ कराने का आदेश आया है। इसके बाद संबंधित विभागों को ऐसे वाहन सरेंडर करने अथवा कबाड़ कराकर दस्तावेज जमा करने के नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन तमाम विभाग ऐसे हैं जिनके पास वाहन ही उपलब्ध नहीं हैं। अब वह इन वाहनों की तलाश में जुट गए हैं।

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परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में विभिन्न विभागों में 26 वाहन ऐसे हैं, जो 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं। शासन की ओर से परिवहन विभाग को ऐसे वाहनों का कबाड़ कराने का आदेश जारी किया है। इसका अनुपालन करने के लिए संबंधित विभागों को शासनादेश की प्रति के साथ नोटिस जारी किए गए। शासन की ओर से जारी की गई जिले की सूची के अनुसार जिलाधिकारी, जिला उद्यान विभाग, सिंचाई विभाग, शिक्षा डीआईओएस, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, आयकर एवं बिक्री कर, दूरदर्शन के पास एक-एक वाहन और जल निगम के पास दो, पुलिस के पास साथ, न्यायालय में तीन वाहन हैं। जबकि साथ वाहन अन्य विभागों में संचालित हो रहे हैं। लेकिन कुछ विभागों के पास से वाहन गायब हैं, जो ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं।

पुलिस के पास महज एक ही है दर्ज

पुलिस विभाग में शासन की ओर से जारी की गई सूची में सात वाहन दर्शाए गए हैं। जबकि आरआई हरपाल सिंह ने बताया कि वर्तमान में 15 वर्ष पुराना महज एक वाहन (क्रेन) ही है। इसके अलावा अन्य कोई वाहन विभाग के पास नहीं हैं। ये वाहन कहां हैं और क्या हुआ है, जांच में ही स्पष्ट हो सकेगा।

उद्यान व जल निगम के वाहन लापता

जल निगम में दो वाहन हैं, जबकि किसी भी वाहन की जानकारी नहीं है। दोनों ही वाहन लापता हैं। सहायक अभियंता रवींद्र सिंह ने बताया कि पुराने वाहनों का पता नहीं है, जानकारी कराई जाएगी। जबकि जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार का कहना है कि वर्ष 2000 में सरेंडर कर दिया गया। फिर भी सूची में नाम है, ऐसे में सरेंडर कहां किया गया है, यह स्पष्ट नहीं है।

ये बोले एआरटीओ

एआरटीओ सतेंद्र कुमार ने बताया कि जिले के विभिन्न विभागों में 15 वर्ष पुराने 26 वाहन हैं। इनको कबाड़ कराने के लिए शासनादेश मिला है। इसके अनुसार नोटिस व सूचना जारी की गई है। एक नवंबर माह तक सारे वाहन कबाड़ कराए जाने हैं, जिसके दस्तावेज शासन को भेजे जाएंगे।