देश के गन्ना किसानों को बुधवार को खुशखबरी मिली जब Central Government ने गन्ने की खरीद मूल्य (Fair and Remunerative Price को बढ़ाने का फैसला किया। सरकार ने गन्ने के खरीद मूल्य (FRP) में प्रति क्विंटल 10 रुपए का इजाफा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया।
देश के शक्कर के लिहाज से वर्ष (Sugar Year) 1 अक्टूबर से 30 सितंबर तक चलता है। इसके लिए चीनी मिल किसानों से जिस भाव पर गन्ना खरीदते हैं उसे खरीद मूल्य (FRP) कहा जाता है। पिछले साल गन्ने की खरीद मूल्य में कोई इजाफा नहीं किया गया था, जिसे लेकर गन्ना किसानों में नाराजगी थी। सरकार ने 2018-19 में जो FRP था, उसे ही 2019-20 के लिए बरकरार रखा था। वास्तविकता यह है कि गन्ना किसानों के 20 हजार करोड़ रुपए चीनी मिलों पर बकाया है। इसके मद्देनजर FRP बढ़ाने का किसानों को कितना और कब लाभ मिलेगा, यह देखने वाली बात होगी। अब गन्ने का खरीद मूल्य 285 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। देश में FRP के अलावा राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर किसानों के लिए गन्ने का खरीद मूल्य तय करती है। इसे राज्य परामर्शित मूल्य (SAP) कहा जाता है। उत्तरप्रदेश सरकार ने पिछले साल 2019-20 के लिए गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य 325 रुपए प्रति क्विंटल तय किया था। इसमें अगैती प्रजाति के लिए 325 रुपए प्रति क्विंटल, सामान्य प्रजाति के लिए 315 रुपए और अनुपयुक्त प्रजाति के लिए 310 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था।
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