कोरोना की वजह से देशभर में लंबे समय तक लॉकडाउन और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश की वजह से इस साल चाय का उत्पादन 37 फीसदी घटकर 878 हजार टन ही रह सकता है. लॉकडाउन की वजह से मार्च से मई 2020 के दौरान चाय के उत्पादन पर काफी विपरीत असर पड़ा है.
कोरोना संकट की वजह से इस साल यानी 2020 में चाय (चायपत्ती) के उत्पादन में करीब 37 फीसदी की भारी गिरावट आ सकती है. इसकी वजह से अगले दिनों में लोगों की चाय की प्याली महंगी हो सकती है.
कोरोना की वजह से देशभर में लंबे समय तक लॉकडाउन और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश की वजह से इस साल चाय का उत्पादन 37 फीसदी घटकर 878 हजार टन ही रह सकता है.
गौरतलब है कि मई में हुए पहले ऑक्शन में ही गुवाहाटी में चायपत्ती की कीमत 52 फीसदी बढ़कर 217 रुपये प्रति किलो पहुंच गई थी. देश में औसतन चाय की कीमत 40 से 60 फीसदी बढ़ चुकी है. जाहिर है कि अगले महीनों में खासकर जाड़े में इसका बोझ आम जनता पर पड़ेगा और चायपत्ती काफी महंगी खरीदनी पड़ेगी इस महीने असम में आई भारी बाढ़ से डिब्रूगढ़, जोरहट, गोलाघाट जिलों में बड़ी मात्रा में चाय के पौधे नष्ट हो गए. भारत में कुल उत्पादन में करीब 50 फीसदी हिस्सा असम में ही होता है. जनवरी से जून के दौरान असम के कुल चाय उत्पादन में 40 फीसदी की भारी गिरावट आई है. इस दौरान असम में सिर्फ 132.8 हजार टन चाय का उत्पादन हुआ.
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