लद्दाख के फिंगर इलाके में लंबे समय से चीन की सेना जमी हुई है. इसे लेकर भारत की ओर से कड़ी आपत्ति जताई गई है. लिहाजा दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के सामने डटी हैं. इस तनाव को कम करने के लिए पिछले कुछ महीनों में कई दौर की वार्ता हो चुकी है. वहीं भारत चीन के 7 एयरबेस पर लगातार नजर भी बनाए हुए है.
पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ जारी विवाद के बीच, भारत ने चीन के सात एयरबेस ठिकानों पर बारीकी से नजर बना रखी है. क्योंकि इन चीनी एयरबेसों पर पिछले कुछ हफ्तों में गतिविधियां बढ़ी हैं.
केंद्र सरकार के जुड़े शीर्ष सूत्रों ने आजतक को बताया कि शिनजियांग और तिब्बत स्वायत्त सैन्य क्षेत्र में स्थित सात चीनी सैन्य ठिकानों पर सैटेलाइट और सर्विलांस से जुड़े अन्य माध्यमों के जरिए नजर रखी जा रही है. सूत्रों ने बताया कि सात एयरबेस में छह एयरबेस ऐसे हैं जो चीनी कंपनियों द्वारा स्वदेश में निर्मित लड़ाकू विमान और बमवर्षक विमानों के बेस हैं.
भारत की नजर लद्दाख के विपरीत उन तीन हवाई ठिकानों पर भी है जो होटन, गरगांसा और काशगर में हैं. सूत्रों ने बताया कि होपिंग, कोंका जोंग, लिंझी और पंगत अन्य सैन्य ठिकाने हैं.
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