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जिले में 13 शासकीय कॉलेज हैं जहां 1 सितंबर से पढ़ाई शुरू होनी है

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उच्च शिक्षा के लिए सरकार कितनी गंभीर है यह इस बात से पता चलता है कि जिले में 13 शासकीय कॉलेज हैं जहां 1 सितंबर से पढ़ाई शुरू होनी है मगर इनमें राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र सहित प्रमुख विषयों के पर्याप्त प्राध्यापक ही नहीं हैं। जिले के शासकीय कॉलेजों में करीब 114 प्राध्यापकों व सहायक प्राध्यापकों के पद रिक्त हैं। कोरोना संक्रमण के बीच अधिकांश पालक अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए इस बार बाहर भेजने से डर रहे हैं, यही वजह है कि जिले के कॉलेजों में पिछले साल की तुलना अधिक संख्या में प्रवेश के लिए आवेदन मिल रहे हैं। हकीकत ये है कि जिले के अधिकांश कॉलेजों में प्राध्यापक व स्टाफ की भारी कमी है, यहां कई अहम विषयों को पढ़ाने वाला ही नहीं है। कोरोना काल से पहले की भी बात करें तो कॉलेजों में प्राध्यापकों के न होने से पढ़ाई का स्तर गिरता जा रहा है। वहीं जिले के सबसे बड़े अग्रणी डीके कॉलेज में प्राध्यापकों के 36 पद स्वीकृत हैं, जिनमें सिर्फ 19 शिक्षक ही नियुक्त हो पाए हैं जबकि 17 प्राध्यापक की नियुक्ति नहीं हो पाई है। कर्मचारियों की कमी से यहां के स्टाफ पर भी काम का अतिरिक्त दबाव है। वहीं कॉलेज में इस वर्ष से एलएलएम व एमएससी जंतुविज्ञान की भी पढ़ाई शुरू हो रही है।