इंग्लैंड में वे कई बार नस्लभेद का शिकार हुए हैं। काउंटी क्लब यॉर्कशायर की ओर से खेलते हुए उन्होंने हर रोज प्रताड़ना का दुख झेला है। इंग्लैंड की अंडर-19 टीम के कप्तान रह चुके रफीक ने कहा कि भेदभाव के कारण कई बार उनके दिमाग में खुदकुशी करने के विचार भी आते थे।
कराची में जन्मे रफीक यॉर्कशायर के भी कप्तान रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 2016 से 2018 के बीच 2 साल सबसे ज्यादा झेला। कई बार मैनेजमेंट से इस बारे में शिकायत की, लेकिन हमेशा नजरअंदाज ही किया गया। अब तो मानवता से ही विश्वास उठ गया है।
रफीक ने क्रिकेट वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि यॉर्कशायर की ओर से खेलने के दौरान मैं खुदकुशी करने के कितने करीब पहुंच गया था। मेरे परिवार का सपना था कि मैं बड़ा प्रोफेशनल क्रिकेट बनूं। इसी सपने के साथ मैं खेल रहा था, लेकिन सच कहूं तो अंदर से मैं मर रहा था। मैं काम पर जाते समय डरता था। मैं हर दिन दर्द में रहता था।’’
रफीक ने क्रिकेट वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि यॉर्कशायर की ओर से खेलने के दौरान मैं खुदकुशी करने के कितने करीब पहुंच गया था। मेरे परिवार का सपना था कि मैं बड़ा प्रोफेशनल क्रिकेट बनूं। इसी सपने के साथ मैं खेल रहा था, लेकिन सच कहूं तो अंदर से मैं मर रहा था। मैं काम पर जाते समय डरता था। मैं हर दिन दर्द में रहता था।’’
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