बारिश के बाद मौसम में आए बदलाव से खेतों में खड़ी धान की फसल पर अब झुलसा, बंकी बीमारी और भूरा महो जैसे कीटों का प्रकोप हो रहा है। इस वजह से किसानों को फसलों के नुकसान होने का भय सता रहा है। एक तरफ फसलों में बीमारियां लग रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग का अमला इससे अनभिज्ञ है। अब किसान बीमारी से अपनी फसलों को बचाने के लिए उपाय की तलाश में जुटे हैं।
जिले के किट निगरानी दल ब्लॉकों में विजिट नहीं कर रही है। हालात यह है कि धान की फसल में लगे किट और बीमारी नियंत्रण के लिए किसानों को व्यापारियों से सलाह लेनी पड़ रही है। व्यापारी अपने फायदे के लिए जो भी दवाई बता रहे हैं उसी का छिड़काव कर रहे हैं। इससे फसल के साथ किसानों के जमीन पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है। जिले के किट निगरानी दल जिसे डाइग्नोस टीम भी कहा जाता है में कृषि विज्ञान और अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों के अलावा कृषि विभाग के अधिकारी में शामिल रहते हैं। यह टीम हर ब्लॉक के गांवों में जाकर किसानों के खेतों का विजिट करती है। वहां लगे धान और अन्य फसल में लगे किट और रोगों को देखकर उसका उपाय बताते हैं।
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