Ambedkar Nagar जिले से एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। यह मामला एक ऐसे शातिर गिरोह से जुड़ा है, जो गाँव-गाँव में भोले-भाले किसानों से ट्रैक्टर रेंट पर लेकर उसे धोखाधड़ी से बेचने का कारोबार कर रहा था। इस गिरोह के सदस्य बड़े शातिर थे, और इनकी कारगुजारियों ने स्थानीय पुलिस को भी चकमा दे दिया था।
गाँव-गाँव घूमकर किसानों से रेंट पर ट्रैक्टर लेना
इस घोटाले के मास्टरमाइंड सोनू यादव नामक युवक थे, जो अयोध्या जिले का निवासी था। सोनू और उसके साथी गाँव-गाँव में जाकर किसानों से उनके ट्रैक्टर को छह महीने के लिए किराए पर लेते थे। यह युवा और उनके साथी किसी भी प्रकार के शक को दूर करने के लिए किसानों के साथ एक कानूनी कांट्रेक्ट भी करते थे। इसका उद्देश्य ट्रैक्टर का आधिकारिक दस्तावेज तैयार कर, उस ट्रैक्टर को अपने नाम पर करना था।
ये लोग न केवल ट्रैक्टर किराए पर लेते थे, बल्कि एक शातिर योजना के तहत उन ट्रैक्टरों के कूटरचित दस्तावेज तैयार करते थे। इसके बाद उन ट्रैक्टरों को दूसरों को बेचकर मोटा पैसा कमाते थे। यह योजना महीनों तक चलती रही, और इन लोगों ने कई किसानों से ट्रैक्टर रेंट पर ले लिए थे, जबकि वो जानते भी नहीं थे कि उनके ट्रैक्टरों को फर्जी दस्तावेज़ के सहारे बेच दिया जाएगा।
पुलिस ने किया गिरोह का पर्दाफाश
हालांकि, पुलिस ने इस गिरोह की सच्चाई का खुलासा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पिछले कुछ महीनों से, कई गाँववासियों ने अपने ट्रैक्टर गायब होने की शिकायतें एसपी से की थीं। इसके बाद एसपी ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस टीमों का गठन किया। पुलिस ने सूक्ष्म जांच के बाद इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया और ट्रैक्टरों को वापस बरामद किया। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया और उनके पास से कुल 19 ट्रैक्टर बरामद किए, जिनकी कुल कीमत लगभग 1 करोड़ 30 लाख रुपये आंकी जा रही है।
कूटरचित दस्तावेजों के सहारे बेचने का तरीका
गिरोह के सदस्य ट्रैक्टर किराए पर लेते वक्त मूल दस्तावेज़ के साथ-साथ कूटरचित दस्तावेज़ भी तैयार कर लेते थे। इस प्रक्रिया के दौरान ये लोग ट्रैक्टर को अपना बताकर उसे विभिन्न जगहों पर बेच देते थे। इसके बाद जब ट्रैक्टर के असली मालिक को इस धोखाधड़ी का पता चलता, तब तक ये लोग मुनाफा कमा चुके होते थे।
अंतर्जनपदीय गिरोह का खुलासा
यह गिरोह केवल अंबेडकरनगर जिले तक सीमित नहीं था। पुलिस ने बताया कि यह एक अंतर्जनपदीय गिरोह था, जो कई जिलों में सक्रिय था और लोगों से ट्रैक्टर ले जाकर धोखाधड़ी से उन्हें बेचता था। इस गिरोह के सरगना सोनू यादव के साथ चार अन्य लोग शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक का कार्य विभिन्न गाँवों में जाकर लोगों को फंसाना था।
एसपी ने किया पुलिस टीम को इनाम देने का ऐलान
एसपी ने इस मामले को लेकर पुलिस टीम की तारीफ की और उनकी मेहनत के लिए 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की। एसपी का कहना था कि इस तरह की घटनाओं के खिलाफ पुलिस का अभियान आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी के मामलों में पुलिस और सख्त कार्रवाई करेगी, ताकि आम नागरिकों को इस तरह के अपराधों से बचाया जा सके।
कैसे बचें इस तरह के धोखाधड़ी से?
इस घटना ने यह भी सवाल खड़ा किया है कि आम लोग इस तरह के धोखाधड़ी से कैसे बच सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसान भाई, जब भी किसी से ट्रैक्टर या अन्य कृषि उपकरण किराए पर लें, तो हमेशा दस्तावेज़ की सही जांच करें। यदि कोई व्यक्ति कांट्रेक्ट के अलावा अन्य दस्तावेज़ दिखाए, तो उसकी पूरी जांच करें और इसकी पुष्टि संबंधित अधिकारियों से करें। इसके अलावा, सभी दस्तावेज़ों की सही जानकारी रखें और किसी भी प्रकार के फर्जी दस्तावेज़ से बचें।
ट्रैक्टर धोखाधड़ी: एक बढ़ती हुई समस्या
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में ट्रैक्टर धोखाधड़ी की समस्या बढ़ रही है। कई मामलों में ट्रैक्टरों को फर्जी तरीके से बेचने का कार्य तेजी से बढ़ा है। इस तरह के अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस और अन्य कानून व्यवस्था को और भी सख्त करने की जरूरत है, ताकि आम आदमी को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
अंबेडकरनगर के इस मामले के बाद पुलिस अलर्ट
इस मामले के बाद पुलिस ने इलाके में अलर्ट जारी किया है और इसी प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में और भी सख्त कार्रवाई करने की योजना बनाई है। एसपी ने भी अपने बयान में कहा कि इस गिरोह को पकड़ने में पुलिस ने अत्यधिक मेहनत की और अब इसे राज्यभर में सक्रिय करने का अभियान शुरू किया गया है।
गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों के नाम:
सोनू यादव (गिरोह का सरगना, अयोध्या)
प्रमोद यादव
संजय यादव
दीपक यादव
सुरेश यादव
इन पांचों आरोपियों को अंबेडकरनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह का नेटवर्क और कहां तक फैला हुआ है और कितने और ट्रैक्टरों को इस प्रकार से बेचा गया है।
इस केस के बाद यूपी पुलिस की कार्यवाही में तेजी
इस घटना के बाद यूपी पुलिस ने ट्रैक्टर धोखाधड़ी के मामलों में एक नया अभियान शुरू किया है। अब पुलिस सभी जिलों में ऐसे गिरोहों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए अभियान चला रही है। इसके अलावा, पुलिस किसानों को धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूक कर रही है और उन्हें यह सलाह दे रही है कि वे हमेशा अपने ट्रैक्टरों और अन्य कृषि उपकरणों के दस्तावेज़ सही रखें और किसी भी धोखाधड़ी के संकेत पर तुरंत रिपोर्ट करें।