Hathras जिले में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर अश्लील वीडियो बनाने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला जिले में काफी चर्चा का विषय बन गया है और शिक्षा क्षेत्र में इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना का खुलासा 25 अप्रैल को प्रकाशित रिपोर्ट से हुआ, जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपित प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया।
मुख्य आरोप और संदिग्ध गतिविधियाँ:
हाथरस के सासनी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय खेड़िया के प्रधानाध्यापक पर एक छात्र को घर बुलाकर उसके साथ अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया गया है। छात्र का कहना है कि वह आरोपी प्रधानाध्यापक से ट्यूशन पढ़ता था और उसी दौरान यह घटना घटी। मामले में नया मोड़ तब आया जब छात्र ने यह कबूल किया कि उसने और कुछ अन्य बच्चों ने एक अश्लील वीडियो बनाया और वह वीडियो प्रधानाध्यापक को भेज दिया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद यह घटना सार्वजनिक हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की।
शिक्षा विभाग की त्वरित कार्रवाई:
इस घिनौनी घटना के सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) स्वाति भारती ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच का आदेश दिया। 29 अप्रैल को खंड शिक्षा अधिकारी सासनी को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। जांच में पता चला कि प्रधानाध्यापक बच्चों को प्राइवेट ट्यूशन भी पढ़ाता था और उसी दौरान उसने बच्चों के साथ यह अनैतिक कार्य किया।
वीडियो का खुलासा और छात्र का बयान:
छात्र ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि वीडियो 10-15 दिन पुराना है। उसने यह भी बताया कि अन्य बच्चों के साथ मिलकर उसने यह वीडियो प्रधानाध्यापक को भेजा था। वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला और भी गंभीर हो गया और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया। मामले की पूरी जांच बीईओ सासनी को सौंप दी गई है और उनकी रिपोर्ट के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निलंबन और आगे की कार्रवाई:
जैसे ही इस मामले का खुलासा हुआ, प्रशासन ने आरोपी प्रधानाध्यापक दयाशंकर को निलंबित कर दिया। उन्हें निलंबन अवधि में बीआरसी सासनी से संबद्ध कर दिया गया है। बीएसए स्वाति भारती ने यह भी कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह के कृत्य को लेकर कोई समझौता नहीं होगा और आरोपित के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
क्या कहती है जांच रिपोर्ट?
बीईओ सासनी ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह पुष्टि की कि आरोपी प्रधानाध्यापक बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के नाम पर उन्हें अपने घर बुलाता था। इस दौरान उसने बच्चों के साथ अनुचित हरकतें की। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आरोपी प्रधानाध्यापक का यह कृत्य न केवल अश्लील था, बल्कि उसने बच्चों को मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया। वीडियो बनाने के बाद उसे प्रधानाध्यापक को भेजने का कार्य भी बच्चों ने किया, जो कि इस मामले में एक और महत्वपूर्ण पहलू बनकर सामने आया।
शिक्षा विभाग की सख्ती और भविष्य की दिशा:
यह घटना शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ा अलर्ट है। जहां एक तरफ सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की कोशिश की जा रही है, वहीं दूसरी ओर ऐसे मामलों ने प्रशासन और शिक्षा विभाग की नीतियों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। शिक्षा विभाग ने इस मामले को लेकर सख्त रुख अपनाया है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में ऐसे मामले नहीं हों। विभाग ने सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को बच्चों के साथ अनुशासन और सुरक्षा के संबंध में सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं।
कानूनी कार्रवाई और दंड की प्रक्रिया:
वायरल वीडियो और आरोपों के मद्देनजर प्रशासन ने आरोपी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। स्थानीय पुलिस को भी इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में पीड़ित बच्चे के परिवार से भी संपर्क किया जा रहा है ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके और आरोपी को कड़ी सजा दिलवाई जा सके।
समाज में इस घटना का प्रभाव:
यह घटना न केवल शिक्षा विभाग, बल्कि पूरे समाज के लिए एक कड़ा संदेश है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके साथ उचित व्यवहार को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। समाज में इस घटना के बाद बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। बच्चों के प्रति इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।
आखिरकार, इस मामले ने शिक्षा विभाग और प्रशासन को यह याद दिलाया है कि एक जिम्मेदार शिक्षक और प्रधानाध्यापक का कर्तव्य केवल बच्चों को शिक्षा देना नहीं है, बल्कि उनकी सुरक्षा और भलाई की भी गारंटी होना चाहिए।