उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमाई, जब Sitapur से कांग्रेस सांसद राकेश राठौर पर गंभीर आपराधिक आरोप लगे। शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में इस हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई हुई, जहां अदालत ने सांसद के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप तय कर दिए। अब अगली सुनवाई 28 मई को होगी, जिसमें पीड़िता की गवाही दर्ज की जाएगी।
जनवरी में हुआ था बड़ा खुलासा: पुलिस में दर्ज हुई FIR
17 जनवरी को एक महिला ने सीतापुर थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए कांग्रेस सांसद राकेश राठौर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला का दावा था कि सांसद ने विश्वास में लेकर उसके साथ जबरदस्ती की। शिकायत मिलते ही पुलिस ने बिना देर किए एफआईआर दर्ज की और कार्रवाई शुरू की।
गिरफ्तारी और फिर जमानत की लंबी लड़ाई
पुलिस ने सांसद को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद सांसद ने अग्रिम जमानत के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया। आखिरकार हाईकोर्ट ने उन्हें राहत दी और जमानत प्रदान की गई।
चार्जशीट में नया मोड़: एक और गंभीर धारा जोड़ी गई
जमानत मिलने के बाद भी पुलिस ने अपनी जांच जारी रखी और सबूतों के आधार पर केस में एक अतिरिक्त गंभीर धारा को शामिल किया। साथ ही, पूरी चार्जशीट भी अदालत में दाखिल कर दी गई, जिसमें पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य तकनीकी साक्ष्य शामिल हैं।
कोर्ट में सांसद पक्ष की अपील खारिज
सांसद राठौर के वकीलों ने अदालत से आरोपों को खारिज करने की अपील की। उनका तर्क था कि यह मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और बदनाम करने की साजिश है। हालांकि, कोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका को खारिज कर दिया और आरोप तय कर दिए।
सांसद राकेश राठौर: एक नजर राजनीतिक सफर पर
राकेश राठौर लंबे समय से सीतापुर में सक्रिय राजनीति का चेहरा हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं और पहले विधायक भी रह चुके हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उन पर विवादों का साया रहा है — जिसमें यह मामला सबसे गंभीर माना जा रहा है।
राजनीतिक भूचाल: विपक्ष के तीखे हमले, कांग्रेस की चुप्पी
इस पूरे प्रकरण पर विपक्षी दलों ने कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोला है। भाजपा नेताओं का कहना है कि जब किसी अन्य दल के नेता पर आरोप लगता है, तो कांग्रेस नैतिकता की दुहाई देती है, लेकिन अब चुप है। वहीं, कांग्रेस की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है।
जनता में मचा शोर: समर्थन और विरोध के दो धड़े
मामले के सामने आते ही सीतापुर में जनता के बीच दो धड़े बन गए हैं।
एक तरफ लोग पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर सांसद के समर्थक इसे राजनीतिक साजिश कह रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी मामला तेजी से वायरल हो रहा है।
क्या इस्तीफा देंगे सांसद राठौर? उठने लगे सवाल
विपक्ष की ओर से सांसद राकेश राठौर से इस्तीफे की मांग लगातार बढ़ रही है। लोगों का सवाल है कि जब मामला कोर्ट में चल रहा है और आरोप तय हो चुके हैं, तो क्या एक जिम्मेदार नेता को पद पर बने रहना चाहिए?
28 मई की गवाही पर टिकी निगाहें
अब मामला निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। 28 मई को कोर्ट में पीड़िता की गवाही दर्ज की जाएगी। अगर गवाही में आरोप पुष्ट होते हैं, तो राकेश राठौर की मुश्किलें बढ़ना तय है। वहीं, कांग्रेस पार्टी पर भी कार्रवाई का दबाव बढ़ेगा।
यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र, न्याय प्रणाली और राजनीतिक नैतिकता की अग्निपरीक्षा है। जब एक सांसद पर दुष्कर्म जैसे संगीन आरोप लगते हैं और मामला कोर्ट की दहलीज पर पहुंचता है, तो देश की आंखें उस फैसले पर टिकी होती हैं जो न केवल कानून का, बल्कि जनविश्वास का भी प्रतीक बनता है।