अल्बर्टा में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधान मंत्री मार्क कैर्नी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसके परिणामस्वरूप राजनयिक सेवाओं को पूरी तरह से फिर से शुरू करने पर सहमति बनी। यह निर्णय 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उत्पन्न हुए राजनयिक तनाव को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों नेताओं ने अपने राजनयिक संबंधों के मूल्य को पहचाना, जिससे बेहतर संबंधों का मार्ग प्रशस्त हुआ।
मुख्य निष्कर्षों में नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर सहमति शामिल थी। कैर्नी ने बैठक को संबंधों के पुनर्निर्माण में एक महत्वपूर्ण पहला कदम बताया। विचारों का आदान-प्रदान कानून प्रवर्तन और सीमा पार दमन सहित आवश्यक विषयों पर केंद्रित था। लक्ष्य आपसी सम्मान, संप्रभुता और विश्वास पर आधारित साझेदारी के लिए आधार तैयार करना है।
शिखर सम्मेलन ने हिंद-प्रशांत, आर्थिक विकास और आपूर्ति श्रृंखलाओं में साझेदारियों सहित साझा हितों पर चर्चा करने का अवसर भी प्रदान किया। कैर्नी ने 2018 से जी7 शिखर सम्मेलनों में पीएम मोदी की नियमित उपस्थिति पर प्रकाश डाला, भारत की आर्थिक प्रमुखता और नेतृत्व को स्वीकार किया। कनाडाई पीएम को फ्रांस में अगले जी7 में भारत की निरंतर भागीदारी की उम्मीद है।
बाद में पीएम मोदी ने सफल शिखर सम्मेलन को स्वीकार किया, कनाडाई सरकार को कार्यक्रम की मेजबानी करने के लिए धन्यवाद दिया और वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।