ईरान ने स्पष्ट किया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कोई भी बातचीत तब तक नहीं होगी जब तक वाशिंगटन भविष्य में अमेरिका और इजरायल द्वारा किए जाने वाले हमलों के खिलाफ एक ‘विश्वसनीय गारंटी’ प्रदान नहीं करता है। भारत में ईरान के राजदूत डॉ. इराज़ इलाही ने एक साक्षात्कार में इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की गारंटी के बिना बातचीत बेमानी होगी। राजदूत ने पिछले महीने की गई सैन्य कार्रवाइयों का हवाला दिया।
इन कार्रवाइयों में जून में इजरायल का एक अभियान शामिल था, जिसमें परमाणु स्थलों और सैन्य सुविधाओं को निशाना बनाया गया था, इसके बाद महीने के अंत में अमेरिकी हमले हुए, जिनका ध्यान भी ईरानी परमाणु बुनियादी ढांचे पर केंद्रित था। ईरान इन कार्यों को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन मानता है। इलाही ने जोर देकर कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है और हमले अवैध थे और इसका कोई औचित्य नहीं था।
उन्होंने अमेरिका और इजरायल पर कूटनीति को कमजोर करने का भी आरोप लगाया और हमलों के परिणामस्वरूप वैज्ञानिकों, सैन्य कर्मियों और नागरिकों की मौत पर प्रकाश डाला। इलाही ने कहा कि कूटनीति को फलदायी बनाने के लिए, अमेरिका को भविष्य के हमलों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। दूत ने एनपीटी के प्रति ईरान की प्रतिबद्धता को दोहराया, लेकिन आईएईए के राजनीतिकरण की आलोचना की।