त्योहारी मौसम और ठंड के साथ बढ़ते प्रदूषण में कोरोना संक्रमण की आशंका के बावजूद बेखौफ और बेपरवाह होते लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सचेत कर दिया है। देश के नाम संबोधन में मंगलवार को उन्होंने अमेरिका, ब्राजील और यूरोपीय देशों का हवाला देते हुए सचेत किया कि तब तक निश्चिंत नहीं होना है जब तक कोरोना की वैक्सीन या दवा न आ जाए। उन्होंने कहा- ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।’
प्रधानमंत्री के संबोधन को लेकर सुबह से देश की नजरें टिकी थीं। तरह तरह की अटकलों का बाजार भी गर्म था। लेकिन प्रधानमंत्री ने खुद को कोरोना के प्रति जागरुकता तक सीमित रखा। ध्यान रहे कि कुछ दिन पहले ही सरकार के स्तर पर जागरुकता अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत 95 करोड़ लोगों तक पहुंचने की योजना है।
प्रधानमंत्री ने छोटा लेकिन अहम संदेश देते हुए कहा- हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लॉकडाउन भले ही चला गया हो, लेकिन वायरस नही गया है। कई वीडियो में दिखता है कि लोगों ने सतर्कता कम कर दी है जो परिवार के लिए खतरा है।’ कांग्रेस नेताओं की ओर से लग रहे आरोपों का परोक्ष जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने आंकड़ों के सहारे कहा कि भारत में प्रति 10 लाख लोगों में पांच हजार लोगों को कोरोना हुआ है, जबकि अमेरिका और ब्राजील जैसे देशो में 25 हजार है। भारत में प्रति 10 लाख लोगों में 83 मृत्यु हुई है। जबकि अमेरिका ब्राजील ब्रिटेन जैसे देशों में यह 600 के पास है।
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