सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब सरकार किसानों की बंजर और बेकार पड़ी जमीन का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। इसे सोलर फार्मिंग कहा जा रहा है। इसके तहत सोलर प्लांट लगाने के लिए अगर किसान अपनी बंजर या कम उपज देने वाली एक एकड़ जमीन देते हैं किसान ऊर्जा विकास एवं उत्थान योजना के अंतर्गत किसान, किसान समूह, कृषि उत्पादक संगठन, वाटर यूजर एसोसिएशन, सहकारी संस्थान एवं पंचायत जिनके पास बंजर एवं पड़त भूमि हो वे स्वयं अथवा निवेशकों के माध्यम से सोलर पावर प्लांट स्थापित कर सकते हैं.
ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के सचिव आनंद कुमार ने बताया कि मुताबिक सिंचाई के अभाव में बहुत से किसान अपने खेत से कुछ भी हासिल नहीं कर पा रहे हैं। रिटर्न नहीं मिलने की वजह से किसानों ने जमीन खाली छोड़ रखी है। ऐसे में ये किसान अब सोलर फार्मिंग कर सकते हैं। आनंद के एक मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाने में 5 एकड़ जमीन की जरूरत होती है। किसान द्वारा स्वयं निवेश न करने पर निवेशकों के माध्यम से सोलर प्लांट लगाने पर विद्युत नियामक द्वारा निर्धारित दर पर भूमि लीज पर देकर निश्चित वार्षिक किराया प्राप्त कर सकेंगे.
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