मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में 5 डिसमिल से छोटे भू-खण्डों की खरीदी-बिक्री में लगी रोक को हटाने, सम्पत्ति की शासकीय गाइड लाइन दरों में और पंजीयन शुल्क में कमी जैसे- जनहितैषी निर्णयों से विशेषकर प्रदेश के मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत मिली है। इन निर्णयों की वजह से प्रदेश में कोरोना काल में भी राजस्व दस्तावेजों के पंजीयन और राजस्व प्राप्ति में पिछले वर्ष अक्टूबर माह की तुलना में इस वर्ष अक्टूबर माह में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
वर्ष 2019 के अक्टूबर माह में 16 हजार 504 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था, जबकि वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में 18 हजार 754 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ है, जो गत वर्ष के अक्टूबर माह से 13.63 प्रतिशत अधिक है। इस तरह वर्ष 2019 के अक्टूबर माह में दस्तावेजों के पंजीयन से 117 करोड़ 60 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में दस्तावेजों के पंजीयन से 127 करोड़ 85 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह राशि वर्ष 2019 के अक्टूबर माह की तुलना में 8.71 प्रतिशत अधिक है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में पंजीयन कार्यालय लॉकडाउन के कारण लंबी अवधि तक बंद रहे अथवा कम क्षमता और कोरोना गाइड लाइन प्रतिबंधों के साथ संचालित हुए, बावजूद इसके पंजीयन और राजस्व प्राप्ति में वृद्धि दर्ज की गई। राज्य सरकार द्वारा रियल सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक निर्णय लिए गए छोटे भू-खण्ड़ों की खरीद बिक्री से रोक हटाई गई, सम्पत्ति की गाइड लाइन दरों में 30 प्रतिशत की कमी की गई, भूमि नामंतरण और डाइवर्सन की प्रक्रिया सरल की गई।
इसके साथ ही रजिस्ट्री शुल्क 4 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया और दस्तावेजों के पंजीयन के लिए सिंगल विन्डो प्रणाली से सभी प्रकार की अनुमति और अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया आसान बनाई गई। प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए दस्तावेजों के पंजीयन ऑनलाइन ई-पंजीयन प्रणाली से किए जा रहे हैं। कोविड-19 से संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए पंजीयन हेतु ऑनलाइन अपॉइंटमेंट स्लॉट बुकिंग को अनिवार्य किया गया है।
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