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रांची सहित 14 शहरों में सिर्फ जलेंगे ग्रीन पटाखे, नहीं माने तो आईपीसी की धारा में होगी सख्त कार्रवाई

रांची समेत झारखंड के 14 शहरों में ग्रीन क्रैकर्स (हरित पटाखे) की बिक्री होगी. इन शहरों में दिवाली (Diwali 2020 Date) की रात 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक ही पटाखे जलाये जा सकेंगे. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव राजीव लोचन बख्शी ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. झारखंड में दिवाली पर पटाखे जलाने से जुड़ी हर  के लिए बने रहें हमारे साथ.

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से जारी उक्त आदेश रांची, रामगढ़, बोकारो, पलामू, जमशेदपुर, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद, देवघर, गोड्डा, पाकुड़ व साहिबगंज के लिए है.

एनजीटी ने पांच नवंबर को ही उक्त आदेश दिया था. जानकारी के अनुसार, नवंबर 2019 में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) के आधार पर इन शहरों की वायु की गुणवत्ता थोड़ी प्रदूषित पायी गयी थी. इस कारण ऐसा आदेश दिया गया है.

इन शहरों में दीपावली व गुरु पर्व पर रात आठ से 10 बजे तक, छठ में सुबह छह से आठ बजे तक और क्रिसमस व नववर्ष पर मध्य रात्रि 11.55 से 12.30 बजे तक ही पटाखे चलाये जा सकेंगे. वहीं, झारखंड के चतरा, गढ़वा, लातेहार, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, कोडरमा, जामताड़ा एवं दुमका जैसे शहरों में वायु का स्तर अच्छा या संतोषप्रद है. इन जगहों पर सामान्य पटाखों (125 डेसिबल तक के) की बिक्री हो सकेगी. हालांकि, यहां भी दीपावली की रात आठ से 10 बजे तक ही पटाखे जलाये जा सकेंगे.

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा कहा गया है कि जो भी उक्त निर्देशों को उल्लंघन करते हुए पाये जायेंगे, उन पर आइपीसी की धारा 188 और वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा-37 एवं अन्य संगत अधिनियमों तहत जिलों के उपायुक्त द्वारा कार्रवाई की जायेगी.

ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं पर इनसे सामान्य पटाखों से 50 फीसदी कम प्रदूषण होता है. इसे औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की संस्था नीरी ने विकसित किया है. ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं. इसमें हानिकारक कैमिकल्स का इस्तेमाल नहीं होता.