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कोरोना वायरस के चलते ‘‘छठ पूजा‘‘ के संचालन हेतु दिशा निर्देश जारी

नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु भारत सरकार, राज्य शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश/गाईडलाईन/एडवाईजरी जारी किये गये है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल ने आदेश जारी कर कहा है कि वर्तमान में जिले में कोरोना पाॅजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु सभी संबंधित उपाय अमल में लाया जाना उचित एवं आवश्यक है। लोक आस्था के महापर्व ‘‘छठ पूजा‘‘ के आयोजन को दृष्टिगत रखते हुये निम्नानुसार निर्देश प्रसारित किये जाते हैः-लोक आस्था के महापर्व ‘‘छठ पूजा‘‘ नदियों/तालाबों/स्थलों पर पूजा समापन करने के बजाय अपने-अपने घरों पर ही अध्र्य देने की सलाह दी जाती है। छठ घाटों पर व्यक्ति आयोजनकर्ता अथवा समिति द्वारा एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग लगाकार कराया जायेगा। यदि कोई व्यक्ति छठ घाट/आयोजन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च संबंधित आयोजनकर्ता व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जावेगा। छठ घाट/आयोजन स्थल पर सिर में ‘‘दउरा‘‘ लेकर जाने वाले व्यक्ति अथवा समिति को कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित व्यक्ति एवं आयोजनकर्ता समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जावेगा। छठ घाट/आयोजन स्थल पर सिर में ‘‘दउरा‘‘ लेकर जाने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनिटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर छठ घाट में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी व्यक्ति/समिति की होगी। आयोजन स्थल पर स्थापित किये जाने वाले ‘‘दउरा‘‘ के मध्य 02 मीटर की दूरी रखना अनिवार्य होगा। छठ घाट/आयोजन स्थल पर टेण्ट/पंडाल लगाने पर व्यक्तियों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाए जायेंगे। छठ पूजा स्थलों पर केवल पूजा करने वाले एवं एक परिवार से अधिकतम 02 व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे। छठ पूजा करने के लिए नदी या तालाब में कमर के नीचे तक जल में प्रवेश करने की अनुमति होगी, अध्र्य के दौरान पानी में डूबकी न लगाये जायें। छठ पर्व मनाने जाने हेतु सामूहिक रूप से जुलूस निकालने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।