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अब व्यवसायियों की मांग, सैरात की जमीन पर मालिकाना हक दे सरकार

लौहनगरी को झारखंड की औद्योगिक नगरी कहा जाता है। पहले कोल्हान में संचालित कंपनियां एशिया का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल हब माना जाता था। यहां अब भी आयडा क्षेत्र में 1300 कंपनियां संचालित है इसके कारण यह कई छोटे-बड़े व्यवसासियों के लिए कारोबार का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है।

उद्यमियों से लेकर व्यवसासियों की कई ऐसी समस्याएं हैं जिनका समय पर समाधान होना चाहिए। जिसमें लैंड बैंक, सस्ती दर पर बिजली सहित मूलभूत सुविधाओं का विकास सबसे महत्वपूर्ण है। जमशेदपुर चैंबर ऑफ इस दिशा में पहल कर रहा है।

जमशेदपुर चैंबर के संरक्षक मोहनलाल अग्रवाल का कहना है कि जमशेदपुर शहर को औद्योगिक नगर या नगर निगम बनाने को लेकर पिछले कई दिनों से झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग में मंथन चल रहा है। ऐसे में चैंबर ने बोर्ड का गठन करने की मांग कर रहे हैं जिसमें व्यापारी जगत से खासकर चैंबर के पदाधिकारियों को शामिल किया जाए। नगर निगम या औद्योगिक नगर बनाने के मसले पर व्यापारियों से सुझाव मांगा जाए। जमशेदपुर में टाटा स्टील क्षेत्र की जमीन पर कई दुकान व बाजार वर्षों से सैरात में स्थापित है। ऐसे में चैंबर चाहता है कि सरकार दुकानदारों को सैरात की जमीन पर मालिकाना हक दे और उनका सौंदर्यीकरण करने की दिशा में कदम उठाए। साथ ही व्यापारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा बोर्ड अथवा आयोग का गठन करने की भी मांग कर रहे हैं ताकि व्यापारियों की हर छोटी-बड़ी समस्याओं को गंभीरतापूर्वक सरकार तक पहुंचाया जा सके। इसके माध्यम से राज्य में व्यापार और उद्योग को बढ़ाने की दिशा में पहल की जा सके।

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