अमेरिका ने चीन और रूस स्थित उत्तर कोरिया के नियंत्रण वाली दो सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिका ने कंपनियों पर अवैध रूप से प्योंगयांग को धन भेजने का आरोप लगाया. वित्त मंत्री स्टीवन मनुचिन ने गुरुवार को कहा, इन प्रतिबंधों का उद्देश्य विदेश स्थित आईटी कंपनियों से अवैध रूप से धन को उत्तर कोरिया भेजने से रोकना है.
यह प्रतिबंध ऐसे समय में लगाए गए हैं, जब अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए उत्तर कोरिया सरकार पर दबाव बना रही है. मंत्री ने कहा, जब तक उत्तरी कोरिया पूरी तरह से परमाणु निरस्त्रीकरण पर खरा नहीं उतरता, तब तक अमेरिका प्रतिबंधों को पूरी तरह कार्यान्वित करना जारी रखेगा. व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि परमाणु निरस्त्रीकरण पर कोई प्रगति नहीं हुई है जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तरी कोरियाई नेता किम जोंग-उन के साथ दूसरे शिखर सम्मेलन पर विचार कर रहे हैं. ट्रंप और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन ने सिंगापुर में बीते जून में ऐतिहासिक मुलाकात की थी.
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