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74% से अधिक वोटिंग के साथ मप्र में 2907 प्रत्याशियों का भविष्य EVM में कैद

मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान आज शाम पांच बजे समाप्त हुआ. राज्य में शाम 6 बजे तक 74.61 प्रतिशत मतदान हुआ. कुछ जगह पर अभी भी वोटिंग जारी है, अंतिम आंकड़े अभी और बढ़ सकते हैं. शाम पांच बजे के बाद भी मतदान केद्रों में लंबी कतारें लगी हुई हैं. निर्वाचन आयोग का कहना है कि कतारों में लगे सभी लोगों को मतदान का मौका दिया जाएगा. पिछली बार से इस बार तीन प्रतिशत मतदान बढ़ा है. मतदान के दौरान 843 बैलट यूनिट बदले गए. 881 कंट्रोल यूनिट बदले गए हैं. वहीं, 2126 वीवीपैट बदली गईं. पिछले चुनाव में 72.23 था. वहीं, राजधानी भोपाल में 53 बैलट यूनिट, 45 कंट्रोल यूनिट और 74 वीवीपैट मशीन बदली गई. एक-दो घटनाओं को छोडक़र मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. हालांकि ड्यूटी पर तैनात तीन कर्मचारियों का निधन हो गया. ये जानकारी राज्य चुनाव आयुक्त वीएल कांताराव ने दी. सबसे अधिक सतना जिले में मशीनें बदली गईं. इंदौर, गुना और धार जिले में एक एक यानी कुल तीन मतदान कर्मचारियों की मृत्यु हृदयाघात और अन्य बीमारियों से हुयी है.

चुनाव आयोग से मिली खबर में बताया गया है कि इस बार 65 हजार से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए थे. कुल 2907 प्रत्याशी इस बार चुनावी मैदान में उतरे. सीटों के लिहाज से मध्यप्रदेश को छह भागों में बांटा जा सकता है. पहले में मालवा-निमाड़ को रखा गया-इसमें 15 जिले, 66 सीटें थी. दूसरे में महाकोशल-8 जिले, 38 विधानसभा को रखा गया था.

तीसरे में ग्वालियर-चंबल को रखा गया-इसमें 8 जिले के 34 विधानसभाओं को शामिल किया गया था. चौथे में मध्य भारत-8 जिले, 36 विधानसभाओं को शामिल किया गया था. पांचवें में विंध्य क्षेत्र को रखा गया था-7 जिले, 30 विधानसभा को शामिल किया गया था. छठे में बुंदेलखंड के 6 जिले, 26 विधासनभा शामिल किए गए.

चुनाव के दौरान छिटफुट घटनाओं को छोड़ कोई बड़ी घटना की खबर नहीं है. चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान होने का दावा किया है. प्रदेश के प्रशासन ने भी शांति के लिए प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त किया है. कुल मिलाकर सरकार और चुनाव आयोग दोनों ने राहत की सांस ली है. स्थानीय मीडिया की मानें तो चुनाव प्रबंधन और व्यवस्था बेहद वेहतर होने की बात बताई गयी है.

यही कारण रहा है कि प्रदेश में किसी खास प्रकार की अप्रिय घटनाओं को रोका जा सका. हां कुछ स्थानों पर वोटिंग मशीन के खराब होने की सूचना मिली, जिसे चुनाव आयोग ने तत्काल बदल देने का दावा किया है.