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सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय ने अपने कर्मचारी की नियमित नियुक्ति से इनकार कर दिया। इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को रिक्त पद पर नियुक्त करने का आदेश दिया है।
वीणा सिंह एक दिव्यांग महिला और पं। सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी में दिहाड़ी मजदूर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपने वकील प्रतीक शर्मा के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। यह बताया गया कि वह अपनी स्थापना के समय से विश्वविद्यालय में अस्थायी रूप से काम कर रही थी। इस बीच, विश्वविद्यालय की मंजूरी के बाद वर्ष 2013 में नियमित नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
कहा कि चल रहे विज्ञापन में अनुभवी को प्राथमिकता दें। वीना सिंह ने भी इस पर नियमित नियुक्ति के लिए आवेदन किया। लेकिन विश्वविद्यालय ने उन्हें नियुक्ति से वंचित कर दिया। साथ ही अपने कम अनुभवी उम्मीदवार की भर्ती की। याचिका में नियुक्ति को चुनौती देते हुए कहा गया है कि याचिकाकर्ता एक महिला होने के साथ-साथ एक विकलांग भी है। फिर भी उनकी नियुक्ति नहीं हुई है। याचिका में आरक्षण नियमों का पालन नहीं करने का भी आरोप लगाया गया। मामले की सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति पी सैम कोशी ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से जवाब मांगा।
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