कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को बस्तर में दो घंटा 35 मिनट रहेंगे। वे विशेष विमान से दिल्ली से रवाना होकर दोपहर 12.50 बजे जगदलपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। एयरपोर्ट में ही लंच करके वे हेलिकॉप्टर से एक बजकर 35 मिनट पर धुरागांव के लिए रवाना होंगे। दो बजे से आयोजित जनसभा में किसानों को पट्टा वितरण करेंगे
राहुल ने कहा कि 2014 में किए गए एक भी वायदे को भाजपा ने पूरा नहीं किया है। जन समुदाय से सवाल करते उन्होंने पूछा कि कितने लोगों को रोजगार मिला है? कितने लोगों के बैंक खाते में 15 लाख रुपए आए हैं। नोट बंदी पर कटाक्ष करते कहा कि बैंकों के कतार में क्या आपने अनिल अंबानी, मेहुल चौकसी और नीरव मोदी को देखा है।
नरेंद्र मोदी जी ने अनिल अंबानी का 45000 करोड रुपए माफ कर दिया और किसानों के लिए बजट में 3.50 रुपए का प्रावधान किया गया। इस बात पर भाजपा के सांसद ताली बजा रहे थे।
अनिल अंबानी और नीरव मोदी के नाम का उल्लेख करते राहुल ने कहा कि जब चौकीदार चोरों का कर्ज माफ कर सकते हैं तो यहां क्यों नहीं किया। कांग्रेस किसानों का कर्ज माफ करने वाली पार्टी है। सरकार बनने के 6 घंटे के भीतर ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया। छत्तीसगढ़ में फूड प्रोसेसिंग प्लांट का जाल बिछाया जाएगा। कांग्रेस ने कम समय में एक से एक वादे पूरे किए। छत्तीसगढ़ में फूड प्रोसेसिंग प्लांट का जाल बिछाया जाएगा। कांग्रेस ने कम समय में एक से एक वादे पूरे किए। राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में सबके लिए कानून एक जैसा होना चाहिए, चाहे वो किसान हो चाहे उद्योगपति। मैंने आपके कुछ वादे किए थे कि जल, जंगल और जमीन पर आपका हक होगा। राहुल ने कहा कि किसानों को धान के लिए 2500 रुपए देने के लिए रमन सरकार के पास पैसे नहीं थे।
राहुल बोले कि बस्तर ने जनता ने कहा था कि टाटा प्लांट के लिए जमीन ली गई थी और10 साल से एक काम नहीं हुआ इसलिए आप अपनी जमीन वापस चाहते है। मैंने आपसे कहा कि जमीन अधिग्रहण कानून के तहत किसान से, आदिवासी से उसकी जमीन ली जाएगी तो उससे पूछ कर ली जाएगी। अगर किसान कहेगा तो उसकी जमीन मार्केट रेट से चार गुना दर पर ली जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलवामा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए अपना भाषण शुरू किया। संक्षिप्त संबोधन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का संबोधन समाप्त मुख्यमंत्री भूपेश ने बगैर नाम लिए पूर्ववर्ती सरकार की नाकामियों को गिनाया। साथ ही खुद की सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं।
सुखद संयोग है कि 1972 में इंदिरा जी की सरकार में आदिवासी भाईयों को पटटा मिला था, उस पटटे को पिछली सरकार ने छीन लिया था, उसे इंदिरा जी के नाती फिर से लौटा रहे हैं
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