सरकार ग्रीन फ्यूल पॉलिसी के विस्तार पर जोर दे रही है, लेकिन सोशल मीडिया पर इथेनॉल को लेकर चर्चा है कि 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाए गए E20 पेट्रोल से माइलेज कम हो रहा है। लोगों ने चिंता जताई है कि इथेनॉल ब्लेंड फ्यूल से गाड़ियों के फ्यूल टैंक और इंजन को नुकसान पहुंचता है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के आरोप वैज्ञानिक रूप से सही नहीं हैं और ईंधन दक्षता पर इसका प्रभाव नगण्य है। मंत्रालय के अनुसार, E10 पेट्रोल के लिए डिजाइन किए गए वाहनों में, जिन्हें बाद में E20 के लिए कैलिब्रेट किया गया है, माइलेज 1 से 2 प्रतिशत तक घट सकता है। अन्य वाहनों में यह गिरावट 3 से 6 प्रतिशत तक हो सकती है। बेहतर इंजन ट्यूनिंग और E20 कम्पैटिबल पुर्जों के उपयोग से इस गिरावट को कम किया जा सकता है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने कहा है कि अप्रैल 2023 से E20 कम्पलायंट वाहन उपलब्ध होंगे। इथेनॉल मिश्रण से कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम होने से भारत की ऊर्जा सुरक्षा भी बढ़ेगी।





