15 अगस्त से फास्टैग वार्षिक पास शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ महीने पहले ही इसकी घोषणा की थी। फास्टैग वार्षिक पास सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक प्रीपेड टोल पेमेंट योजना है। इस योजना को गैर-वाणिज्यिक और निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए शुरू किया जा रहा है, ताकि टोल भुगतान की औसत लागत को कम किया जा सके।
अगर आप भी अपनी कार के लिए वार्षिक फास्टैग पास खरीदना चाहते हैं, तो यहां इस पास से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे, जैसे कि यह कितने रुपए में मिलेगा? कितने दिनों तक काम करेगा? कितने टोल क्रॉस कर पाएंगे? कैसे खरीद पाएंगे? क्या इसे एक से ज़्यादा कारों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं? कौन-से एक्सप्रेस-वे और हाईवे पर काम करेगा?
**वार्षिक पास कैसे खरीदें?**
इस पास को खरीदने के लिए गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से राजमार्गयात्रा ऐप डाउनलोड करें। इस ऐप में फास्टैग पास खरीदने या रिन्यू करने का विकल्प मिलेगा। यहां ज़रूरी जानकारी प्रदान करने और शुल्क का भुगतान करने के बाद पास को एक्टिव किया जा सकता है। इस पास के लिए नया फास्टैग खरीदने की ज़रूरत नहीं है। यह पास मौजूदा फास्टैग पर भी एक्टिव किया जा सकता है।
**क्या 2 गाड़ियों के लिए इस्तेमाल हो सकता है?**
नहीं, एक पास केवल एक वाहन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। फास्टैग से जिस वाहन का रजिस्ट्रेशन लिंक होगा, यह उसी पर काम करेगा। पास को दूसरे वाहन पर इस्तेमाल करने पर यह बंद हो सकता है। नए नियमों के तहत, फास्टैग को वाहन की विंडशील्ड पर सही ढंग से लगाना होगा। ऐसा नहीं करने पर यह ब्लैकलिस्ट हो सकता है।
**पास की फीस और सीमा**
फास्टैग खरीदने का शुल्क 3,000 रुपए है। एक बार खरीदने पर यह एक साल या 200 ट्रिप के लिए वैध रहेगा। टोल सीमा या समय समाप्त होने पर इसे फिर से रिन्यू करना होगा। अच्छी बात यह है कि इस पास से आपके टोल शुल्क की औसत लागत घटकर 15 रुपए तक हो जाएगी, जो अब तक 50 रुपए थी।
**फास्टैग पास कहां-कहां चलेगा?**
फास्टैग वार्षिक पास केवल केंद्र सरकार के हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर काम करेगा, यानी जिसका रख-रखाव नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) करती है। यह पास राज्य सरकार के हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर लागू नहीं होगा। यहां से गुज़रने के लिए टोल पर आपको पहले की तरह शुल्क देना होगा। जैसे उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर पहले की तरह टोल लगेगा।
**200 ट्रिप की गिनती कैसे होगी?**
टोल पर प्रत्येक क्रॉसिंग को एक ट्रिप माना जाएगा। यानी, एक राउंड ट्रिप की गणना दो ट्रिप के रूप में की जाएगी। अगर टोल बंद होगा, तो वहां से आने और जाने को एक ट्रिप माना जाएगा। इस तरह, 200 ट्रिप पूरी होने पर पास की वैधता समाप्त हो जाएगी। इसके बाद पास को फिर से रिन्यू करना होगा।
**यह पास किसके लिए फायदेमंद है?**
जो यात्री साल में 2,500 से 3,000 किलोमीटर टोल रोड पर सफर करते हैं, उनके लिए यह पास काफ़ी बचत कराएगा। इससे टोल पर लगने वाली लाइन कम होगी। टोल पर शुल्क को लेकर होने वाले झगड़ों में भी कमी आएगी। इसका उद्देश्य टोल पर भीड़ कम करके, यात्रियों को सुविधा देना और संचालन को बेहतर बनाना है।