केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिसमें 40,000 करोड़ रुपये की संभावित आय और 70 लाख नौकरियों के सृजन का अनुमान है। उनका मानना है कि 97 लाख पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को स्क्रैप करने से भारत को जीएसटी के माध्यम से भारी लाभ हो सकता है। गडकरी ने ऑटोमोबाइल निर्माताओं से स्क्रैपेज प्रमाणन प्रस्तुत करने वाले ग्राहकों को 5% की छूट देने का आग्रह किया, जिससे मांग बढ़ेगी। स्क्रैपिंग और रिप्लेसमेंट के चक्र से इंडस्ट्री की मांग मजबूत रहेगी।
उन्होंने बताया कि स्क्रैपेज नीति के प्रभावी कार्यान्वयन से ऑटोमोबाइल पुर्जों की लागत 25% तक कम हो सकती है और रीसाइकिल सामग्री का उपयोग बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त, पुराने वाहनों को हटाने से उत्सर्जन कम होगा, ईंधन की खपत घटेगी और सड़क सुरक्षा में सुधार होगा। गडकरी ने भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को अगले पांच वर्षों में दुनिया में नंबर एक बनाने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने ईंधन आयात पर भारत की निर्भरता को भी उजागर किया और इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ब्राजील 49 वर्षों से 27% इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल का उपयोग कर रहा है। गडकरी ने सड़क सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा के अभिन्न अंग के रूप में जोड़ा।