प्रदूषण की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है। भारत सरकार उन वाहन निर्माता कंपनियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है जो उत्सर्जन मानदंडों का उल्लंघन करते हैं। नए नियमों के तहत, जो कंपनियां उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं करेंगी, उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। यह नियम ‘ऊर्जा संरक्षण (अनुपालन प्रवर्तन) नियम, 2025’ के अंतर्गत आएगा।
नए नियम के अनुसार, ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) कंपनियों की फ्यूल एफिशिएंसी की जांच करेगा। अगर कोई कंपनी निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रहती है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह नियम कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (CAFE) मानदंडों के पालन को सुनिश्चित करेगा। जुर्माने की राशि उत्सर्जन और ईंधन खपत के मानकों से विचलन पर निर्भर करेगी। जुर्माने का 90% हिस्सा उन राज्यों को मिलेगा जहां वाहन बेचे गए थे, और 10% हिस्सा केंद्रीय ऊर्जा संरक्षण निधि (CECF) में जमा किया जाएगा। यदि जुर्माने पर कोई विवाद होता है, तो राज्य विद्युत नियामक आयोग (SERC) निर्णय लेगा।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में, Kia, Renault और Mahindra & Mahindra जैसी कंपनियों ने तय समय से अधिक कार्बन उत्सर्जन किया। इन कंपनियों पर ₹7,300 करोड़ तक का जुर्माना लग सकता है। सरकार CAFE मानदंडों के तीसरे संस्करण पर काम कर रही है, जो अप्रैल 2027 से लागू होंगे, ताकि उल्लंघन की स्थिति में उचित कार्रवाई की जा सके।