सितंबर महीने में ऑटोमोबाइल खुदरा बिक्री में गिरावट देखी गई, लेकिन त्योहारी सीजन से ठीक पहले मांग में अचानक वृद्धि ने ऑटो कंपनियों को राहत दी और अक्टूबर में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीदें जगा दीं। वाहन पोर्टल (Vahan) के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार दोपहर 2 बजे तक कुल 15.1 लाख गाड़ियां पंजीकृत हुईं, जो पिछले साल की 17.4 लाख यूनिट्स की तुलना में 13.28% कम है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ये आंकड़े पंजीकरण पर आधारित हैं, जबकि वास्तविक डिलीवरी इसमें कुछ दिन बाद दिखती है। यानी सितंबर की कुछ बिक्री अक्टूबर के आंकड़ों में जुड़ेंगी। सितंबर के पहले तीन हफ्तों में मांग कमजोर रही। खरीदार त्योहारों पर मिलने वाले डिस्काउंट और जीएसटी दरों में बदलाव का इंतजार कर रहे थे। इसके अलावा, पितृ पक्ष के कारण भी कई लोगों ने बड़ी खरीदारी टाल दी थी।
22 सितंबर से जब नवरात्रि शुरू हुई और जीएसटी में बदलाव का असर बाजार में दिखना शुरू हुआ, तब से बिक्री में तेजी आई। शोरूम्स में भीड़, बुकिंग और पूछताछ में खासकर पैसेंजर कार और टू-व्हीलर सेगमेंट में बड़ा उछाल देखा गया। मारुति सुजुकी ने 22 से 25 सितंबर के बीच सिर्फ चार दिनों में 75,000 से ज्यादा गाड़ियां बेचीं। अगस्त के पूरे महीने में मारुति ने करीब 1.35 लाख गाड़ियां बेची थीं। यानी महीने के आखिर में जोरदार रिकवरी हुई।
सितंबर के आंकड़ों को अकेले देखकर निष्कर्ष निकालना सही नहीं होगा, क्योंकि इस बार त्योहारों का कैलेंडर पिछले साल से अलग है। 2024 में नवरात्रि अक्टूबर में शुरू हुई थी, इसलिए सितंबर में त्योहारों का असर नहीं दिखा था। इस बार सितंबर के अंत से ही मांग बढ़नी शुरू हो गई।
ऑटो उद्योग आने वाले महीनों को लेकर उत्साहित हैं। अक्टूबर में फेस्टिव सीजन और उसके बाद शादी का सीजन आने वाला है, जिससे डिमांड बनी रहने की संभावना है। नई जीएसटी दरें भी ग्रोथ को सहारा देंगी। पेट्रोल की 1200 सीसी तक और डीजल की 1500 सीसी तक की कारों पर 18% टैक्स, बड़े वाहनों पर 40% और इलेक्ट्रिक वाहनों पर सिर्फ 5% टैक्स लगाया गया है।