त्योहारी सीजन आमतौर पर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। लोग इस दौरान नई कारें और दोपहिया वाहन खरीदना शुभ मानते हैं। लेकिन इस बार हालात कुछ अलग हैं। ऑटोमोबाइल डीलरों के अनुसार, अगस्त के दूसरे हफ्ते से ही बुकिंग और शोरूम में आने वाले ग्राहकों की संख्या में 25 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।
ग्राहक फिलहाल नई गाड़ी खरीदने से बच रहे हैं। इसकी मुख्य वजह जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) में कटौती की उम्मीद है। वर्तमान में कारों पर 28 प्रतिशत तक जीएसटी लगता है, लेकिन ऐसी चर्चा है कि सरकार जल्द ही जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत कर सकती है। यदि ऐसा होता है, तो कारों की कीमतों में सीधे तौर पर कमी आएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल अक्टूबर में इस मामले पर विचार कर सकती है। नए ढांचे के तहत छोटी और मध्यम श्रेणी की कारों पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया जा सकता है। जबकि लक्जरी और सिन (Sin) गुड्स वाली गाड़ियों पर टैक्स लगभग 40 प्रतिशत रखा जा सकता है।
अगर यह नई टैक्स दरें लागू हो जाती हैं, तो कई लोकप्रिय कार मॉडलों की कीमतों में काफी अंतर आ सकता है। उदाहरण के लिए, 10 लाख रुपये की कार पर 10 प्रतिशत कम टैक्स का मतलब लगभग 1 लाख रुपये तक की बचत होना। यही कारण है कि ग्राहक अभी गाड़ी बुक करने से बच रहे हैं और जीएसटी कटौती का इंतजार कर रहे हैं।
कार कंपनियां जैसे मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा मोटर्स त्योहारों पर रिकॉर्ड बिक्री की उम्मीद कर रही थीं, लेकिन बुकिंग उस तेजी से नहीं आ रही हैं। टू-व्हीलर कंपनियां भी उम्मीद लगाए बैठी हैं कि इस फेस्टिव सीजन में अच्छी बिक्री होगी। ग्रामीण इलाकों में त्योहारों के दौरान बिक्री सबसे ज्यादा होती है, लेकिन इस बार ऑटो सेक्टर की चमक फीकी नजर आ रही है।
यदि सरकार जल्द ही जीएसटी कटौती की घोषणा कर देती है, तो ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा और बिक्री में उछाल आ सकता है। लेकिन अगर राहत की घोषणा देर से हुई या नहीं हुई, तो यह त्योहारों का सीजन ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए उम्मीद के मुताबिक चमकदार नहीं होगा। त्योहारों के इस सीजन में ऑटो इंडस्ट्री की खुशियां सरकार के फैसले पर टिकी हुई हैं।