भारतीय दोपहिया बाजार के लिए चालू वित्त वर्ष एक सकारात्मक दृष्टिकोण लेकर आ रहा है। अनुमान है कि इस साल बिक्री में 9 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। रेटिंग फर्म ICRA के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष के दौरान भारतीय दोपहिया खंड में पिछले वर्ष की तुलना में 9 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। फर्म ने कई कारकों के आधार पर यह अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार बढ़ती प्रतिस्थापन मांग, शहरी क्षेत्रों में खपत में सुधार और सामान्य मानसून से ग्रामीण आय में वृद्धि जैसे कारक इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया है कि केंद्र सरकार एक सरल GST व्यवस्था पर काम कर रही है। इसके तहत छोटे यात्री वाहनों और दोपहिया वाहनों पर GST में कटौती की जा सकती है। यह फैसला त्योहारी सीजन से पहले लिया जा सकता है। GST में इस कटौती से दोपहिया उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। त्योहारी सीजन ऑटो कंपनियों के लिए सबसे फायदेमंद समय होता है, जो बिक्री और मांग को बढ़ाने में मदद करेगा।
ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 के लिए उद्योग का दृष्टिकोण सकारात्मक है। इसका कारण मांग को बढ़ावा देने वाले कारक और GST दरों में संभावित कमी है, जिससे बाजार की वृद्धि तेज हो सकती है। जुलाई 2025 में भारत में दोपहिया वाहनों की थोक बिक्री 9% बढ़कर 15 लाख यूनिट हो गई। कंपनियों (OEMs) ने त्योहारों से पहले अच्छी आपूर्ति सुनिश्चित की। हालांकि, जुलाई में खुदरा बिक्री में साल-दर-साल 6.5% की गिरावट आई, जिसका कारण शहरों में कमजोर मांग और भारी बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में खरीदारों की संख्या में कमी थी। रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि त्योहारों के दौरान खुदरा मांग में सुधार होगा।
ICRA ने बताया कि जुलाई 2025 में दोपहिया वाहनों का निर्यात 32% बढ़ा, जिससे उद्योग को समर्थन मिला। इसी बीच इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में मामूली गिरावट दर्ज की गई। जुलाई में यह घटकर 1,02,900 यूनिट रही, यानी करीब 2% की कमी। हालांकि, ICRA का कहना है कि इलेक्ट्रिक दोपहियों की हिस्सेदारी कुल घरेलू दोपहिया बाजार में 6-7% के बीच स्थिर बनी हुई है।