GST दर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले महीने घोषित बदलाव अब हकीकत बन गए हैं। सरकार ने 56वीं GST परिषद की बैठक में 12% और 28% के दो टैक्स स्लैब को समाप्त कर दिया है। अब केवल 5% और 18% के स्लैब ही हैं।
इसके बाद, गाड़ियों की कीमतों पर बड़ा असर डालने वाला GST सुधार लागू हो गया है। इस नई व्यवस्था ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में नए समीकरण खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर छोटी पेट्रोल और डीजल कारों के खरीदारों के लिए बड़ी राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर लग्जरी और हाई-एंड इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतें और बढ़ने वाली हैं।
छोटे वाहनों को बड़ा फायदा
भारतीय मध्यम वर्ग परिवार लंबे समय से लगातार बढ़ती कार की कीमतों से परेशान था। ऐसे में GST 2.0 की सबसे बड़ी खुशखबरी यही है कि चार मीटर से कम लंबाई वाली कारें, जिनमें 1200 सीसी तक की पेट्रोल और 1500 सीसी तक की डीजल कारें शामिल हैं, अब सस्ती होंगी।
लग्जरी कारें और SUV होंगी महंगी
वहीं अगर आप अपने लिए एक नई SUV या फिर प्रीमियम सेडान, लग्जरी कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो अब आपकी जेब पर बोझ पड़ सकता है। इस नई व्यवस्था के तहत चार मीटर से लंबी और 1200 सीसी से बड़ी पेट्रोल या 1500 सीसी से बड़ी डीजल इंजन वाली गाड़ियां लग्जरी गुड्स की कैटेगरी में रखी गई हैं। अब इन पर सीधे 40% का GST लगाया जाएगा।
SUV, MUV, MPV या XUV जैसी गाड़ियां, जिनकी लंबाई 4000 mm से ज्यादा है और ग्राउंड क्लीयरेंस 170 mm या उससे ऊपर है, उन पर भी यही दर लागू होगी। इसका असर BMW, Mercedes और Audi जैसी लग्जरी कारों के साथ-साथ Toyota Fortuner और Mahindra XUV700 जैसी पॉपुलर SUV पर भी पड़ेगा।
पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में फर्क
पहले सभी यात्री वाहनों पर 28% GST लगता था और उसके ऊपर इंजन और बॉडी टाइप के हिसाब से 1% से 22% तक का सेस जुड़ता था। इलेक्ट्रिक वाहनों को छोड़कर बाकी सभी गाड़ियों पर ये बोझ था। EV पर केवल 5% GST लगता था। अब सरकार ने इसे बदलकर दो स्लैब 5% और 18% रखे हैं। इसके अलावा 40% का स्पेशल स्लैब बनाया गया है, जो केवल लग्जरी और सिन गुड्स पर लागू होगा।
EV और लग्जरी मार्केट पर असर
जहां छोटी और मिड-साइज ईवी पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा, वहीं लक्जरी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए ये झटका साबित होगा। टेस्ला, जो इस साल भारत में केवल 350-500 यूनिट्स बेचने की योजना बना रही है, उसकी सेल पर सीधा असर पड़ेगा। वहीं BYD जैसी कंपनियां, जिन्होंने 2021 से अब तक 10,000 प्रीमियम EV बेचे हैं, उन्हें भी इस टैक्स स्ट्रक्चर की वजह से झटका लग सकता है।
मध्यम वर्ग के लिए उम्मीद
बड़ी कारों पर टैक्स बढ़ने के बावजूद, मध्यम वर्गीय खरीदारों के लिए यह सुधार राहत लेकर आया है। अब छोटे वाहनों और टू-व्हीलर पर घटा टैक्स उन्हें कार या बाइक खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगा। लगातार महंगाई और पुरानी गाड़ियों की बढ़ती डिमांड के बीच ये फैसला नए वाहनों की बिक्री को बढ़ावा दे सकता है।